बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। गोराखार सरपंच महेश रावत पंचायत और नगरपालिका क्षेत्र में अलग-अलग समग्र आईडी बनवाना और इस मामले में शिकायत और जांच के बाद संशोधन तथा मर्जर जैसी कार्रवाई करवाना बताता है कि सरपंच ने जो कुछ किया जानबूझकर किया है और जब उसकी पोल खुलने लगी तो उसने आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की? आश्चर्यजनक बात यह है कि शिकायत के बाद जिस जिला पंचायत सीईओ ने जांच करवाई उसने जांच रिपोर्ट को कम्पाईल कर जो नियम अनुसार कार्रवाई करना चाहिए वह कार्रवाई ही नहीं की और जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया? तथा सरपंच को मौका दिया कि वह इस तरह के फर्जीवाड़े में पूरी लीपापोती कर सके? जैसे जनपद गोराखार पंचायत के अंतर्गत बनी समग्र आईडी में महेश रावत की पत्नि का नाम, उम्र आदि में फर्जी जानकारी दी। जो बाद में संशोधन के दौरान सुधार करवाया गया।

जनपद पंचायत बैतूल के बीपीओ 14 दिसम्बर 2022 को पीसीओ सीमा जोशी और बीपीओ जीआर मगरदे ने सीईओ जनपद पंचायत बैतूल को जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर हुई जांच में अपनी रिपोर्ट पेश की और बताया कि महेश रावत की पारिवारिक समग्र आईडी गोराखार पंचायत में बनी है और यह आईडी 22 अक्टूबर 2016 के बनी है। समग्र आईडी क्रमांक 45109622 है। जिसमें सदस्य एवं सदस्य महेश रावत 302809883 माधुरी रावत, 302809884, आयुष रावत 302809885, खुशी रावत 3028809886 है। वहीं महेश रावत ने 1 अगस्त 2023 को समग्र आईडी में जो संशोधन कराया उसमें अपना नाम महेश कुमार से महेश रावत करवाया। वहीं पत्नि का नाम ममता रावत करवाया गया। अपने पुत्र आयुष के नाम की स्पेलिंग में भी संशोधन कराया, इसके अलावा रावत सरनेम की स्पेलिंग में भी संशोधन कराया, इसके अलावा उम्र में भी संशोधन करवाया गया। खास बात यह है कि सरपंच बनने के बाद जब महेश रावत और उसके परिवार की डबल समग्र आईडी होने की शिकायत हुई और जांच में पाया गया कि उनकी बैतूल नगरपालिका में अलग समग्र आईडी थी और ग्राम पंचायत समग्र आईडी में अलग आईडी थी? तब उन्होंने बैतूल नगरपालिक की समग्र आईडी किसी अन्य महेश नाम पर मर्जर करवाई? वहीं ग्राम पंचायत गोराखार की समग्र आईडी में जो गलती कह लो या फर्जीवाड़ा कह लो, उसमें संशोधन करवाया। जैसे बैतूल नगरपालिका की समग्र आईडी में उनकी पत्नि का असली नाम ममता था। जो वहां की ग्राम पंचायत की वोटर आईडी में भी दर्ज है। जबकि ग्राम पंचायत गोराखार की समग्र आईडी में उनकी पत्नि का नाम माधुरी दर्शाया गया, जिसे संशोधन करवाकर ममता रावत करवाया गया। यह सब बताता है कि जनप्रतिनिधि के पद पर रहते हुए महेश रावत ने किस स्तर पर क्या-क्या करवाया है, यह सब जांच में सिद्ध हो चुका है और एक तरह से पद के दुरूपयोग की श्रेणी में भी आता है, इसके बावजूद इनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई!
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 15 मई 2024