बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार सरपंच महेश रावत को लेकर हुई शिकायत में जो जांच जनपद पंचायत बैतूल द्वारा जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर की गई, उसमें कई तरह के खुलासे हो रहे है! इन खुलासों से स्पष्ट नजर आ रहा है कि यदि इन पर विधिवत कार्रवाई हो जाती तो शायद महेश रावत को सरपंच पद ही छोडऩा पड़ता? 04 अप्रैल 2023 को हुई शिकायत की जांच में जो खास तथ्य यह सामने आ रहा है कि महेश रावत ने अपने गोराखार ग्राम पंचायत के राशन कार्ड और वोटर आईडी में नाम जुड़वाने के लिए जिस एड्रेस या पते का उपयोग किया वह आदिवासी की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया भवन है?
 पूर्व में यह भी साफ हो चुका है कि कोलगांव आरआई और गोराखार के पटवारी द्वारा खसरा नंबर 280 को लेकर की गई जांच में यह पाया गया था कि उक्त जमीन आदिवासी की है और इस पर देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का कब्जा है? गौरतलब रहे है कि देवेन्द्र पिता शंकरदयाल महेश रावत पिता शंकरदयाल का सगा भाई है। जनपद पंचायत बैतूल की पीसीओ सीमा जोशी और बीपीओ जीआर मगरदे ने जो जांच प्रतिवेदन जनपद पंचायत बैतूल को दिया था, उसमें कंडिका 2 में बताया था कि महेश रावत गोराखार का एपीएल राशन कार्ड क्रमांक  1885 जो कि 21 अगस्त 2015 को ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया गया है। उस राशन कार्ड में महेश रावत मुखिया है जिसमे पत्नि माधुरी रावत, पुत्र आयुष रावत और पुत्री खुशी रावत का नाम दर्ज है। वहीं वोटर आईडी को लेकर यह जानकारी दी गई है कि महेश रावत स्वयं का नाम गोराखार की मतदाता सूची 2021 में वार्ड क्रमांक 2 मतदान केन्द्र क्रमांक 146 शासकीय प्राथमिक शाला नवीन भवन गोराखार में अनुक्रमांक 123, गृह क्रमांक 24 पर दर्ज है। वहीं कंडिका 3 में बताया गया है कि महेश रावत का नाम ग्राम सभा नामावली पुर्नरक्षण वर्ष 2022-23 विधानसभा बैतूल क्रमांक 131, भाग संख्या 218, पटवारी हल्का नंबर 60, मतदान केन्द्र क्रमांक 218, शासकीय प्राथमिक भवन गोराखार में अनुक्रमांक 132 एवं गृह क्रमांक 24 पर तथा श्रीमती ममता पत्नि का अनुक्रमांक 134, गृह क्रमांक 24 में दर्ज है! 
गौरतलब रहे है कि यह गृह क्रमांक 124, खसरा नंबर 280 में ही निर्मित है और उक्त जमीन को लेकर राजस्व विभाग की जांच में पूर्व में बताया गया था कि इस जमीन में पंचम और अंच्छाराम और केजा भूस्वामी है, लेकिन देवेन्द्र पिता शंकरदयाल ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है, जो मतदाता सूची है, उसमें देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का गृह क्रमांक भी 24 ही बताया गया है? इससे सिद्ध होता है कि आदिवासी की जमीन पर कब्जे के मामले में सरपंच महेश रावत और उनके भाई देवेन्द्र रावत की स्पष्ट भूमिका है? हालांकि अतिक्रमण मामले में जांच होने के बावजूद राजस्व विभाग ने सरपंच के प्रभाव की वजह से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 

- यह उठ रहे है सवाल...             
1- महेश रावत का जो ग्राम गोराखार में राशन कार्ड क्रमांक 1885 है, वह 21 अगस्त 2015 को बना, उसके पहले महेश रावत का राशन कार्ड कहां का था?
2 - बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में बने महेश रावत के राशन कार्ड क्रमांक 0311224 कब बना और क्या इस राशन कार्ड को सरेंडर कर ग्राम पंचायत गोराखार में राशन क्रमांक 1885 बनवाया गया, तो बैतूल नपा के राशन कार्ड को कब सरेंडर किया गया?
3 - बैतूल शहर के राशन कार्ड में उनकी पत्नि का नाम ममता है, तो फिर जो गोराखार का राशन कार्ड है, उसमें उनकी पत्नि का नाम माधुरी क्यों है?
4 - मतदाता सूची में जो गृह क्रमांक 24 बताया गया, क्या उस पर अतिक्रमण में सरपंच की भूमिका है या नहीं, यदि है तो क्या भूमिका है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 मई 2024