बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार के पटवारी हल्का नंबर 60 में खसरा नंबर 280 में अवैध कब्जे के मामले में राजस्व विभाग के मैदानी अमले द्वारा अलग-अलग तरह की जांच रिपोर्ट दी जा रही है, जिससे कि गरीब आदिवासी को न्याय ही नहीं मिल पा रहा है और वहीं अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है? खसरा नंबर 280 में सीमांकन को लेकर अंछाराम पिता केजा ने 19 जून 2023 को सीमांकन के लिए तहसीलदार बैतूल के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें उसने खसरा नंबर 280, रकबा 0.073 हेक्टेयर में सीमांकन कराए जाने के लिए विधि अनुसार प्रक्रिया की। उसके सीमांकन आवेदन पर 10 जनवरी 2024 को क्षेत्र के आरआई, पटवारी द्वारा सीमांकन किया गया और स्थल पंचनामा बनाया गया, जिसके आधार पर उन्होंने तहसीलदार बैतूल को सीमांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। अब यह सीमांकन रिपोर्ट स्थल पंचनामे के बाद कब प्रस्तुत की गई, यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सीमांकन रिपोट में किसी भी तरह की तारीख आरआई, पटवारी द्वारा नहीं डाली गई है! इनके द्वारा जो सीमांकन रिपोर्ट दी गई उसमें बताया गया कि आवेदक को खेत की चतुर्थ सीमा बताई गई एवं खुटिया लगाई गई? आवेदक की भूमि 0.073 हेक्टेयर में से 0.068 हेक्टेयर पर मन्ना पिता दमड़ू का तथा 0.005 हेक्टेयर पर पड़ोसी अंछाराम पिता दशन का बेजा कब्जा पाया गया! वहीं यह भी बताया गया कि मन्ना पिता दमडूृ द्वारा 1188 वर्गफूट ईट का पक्का मकान बनाया गया है? यदि दोनों कब्जे को जोड़ लिया जाए तो टोटल जमीन का रकबा 0.073 हेक्टेयर ही होगा। 
अब इसके पहले जनसुनवाई में हुई शिकायत के आधार पर 1 सितम्बर 2021 में तथा इसके बाद 2022 एवं 2023 में तीन बार इन्ही आरआई, पटवारी द्वारा जो स्थल पंचनामा बनाकर तहसीलदार को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, उसमें बताया गया था कि मौजा गोराखार स्थित भूमि, खसरा नंबर 280 रकबा 0.073 हेक्टेयर भूमि स्वामी पंचम, अंच्छाराम वल्द केजा जाति गोंड के नाम से वर्तमान में राजस्व रिकार्ड 2020-21 में दर्ज है। उक्त भूमि खसरा नंबर पर अनावेदक देवेन्द्र पिता शंकरदयाल जाति कुर्मी निवासी गोराखार द्वारा पक्का निर्माण, मकान, आटा चक्की शेड बनाकर अतिकमण किया गया है और यह अतिक्रमण विगत 7-8 वर्षो पूर्व से किया गया है?

- इन सवाल का जवाब राजस्व कर्मचारियों का फर्जीवाड़ा उजागर करता है ...                                                   
1 - 1 सितम्बर 2021 सहित 2022 एवं 2023 में तीन बार की गई जांच में देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का कब्जा अंछाराम पिता केजा के 10 जनवरी 2024 को किए गए सीमांकन में क्यों नहीं दर्शाया गया?
2 - 10 जनवरी 2024 की सीमांकन रिपोर्ट में मन्ना पिता दमड़ू का 0.068 हेक्टेयर और अंच्छाराम पिता दशन का 0.005 हेक्टेयर कब्जा बताया! मतलब कुल 0.073 हेक्टेयर कब्जा इन दोनों का बताया गया है तो फिर पूर्व में जो तीन बार जांच में देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का कब्जा बताया गया था, वह कब्जा इस रकबे में क्यों नहीं दिखाया गया?
3 - राजस्व के आरआई और पटवारी अलग-अलग स्थिति में अलग-अलग रिपोर्ट क्यों दे रहे है और क्या इस स्थिति में इनकी भूमिका को लेकर अलग से जांच नहीं होना चाहिए?
4 - क्या आरआई, पटवारी ने जो बाद में सीमांकन रिपोर्ट दी क्या वह वर्तमान सरपंच के दबाव और प्रभाव में दी है? क्योंकि वर्तमान सरपंच ने वोटर लिस्ट सहित राशन कार्ड और समग्र आईडी के लिए जो गृह नंबर 24 का पता दर्शाया है, वह इसी अतिक्रमण वाली खसरा नंबर 280 में बना भवन है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 मई 2024