(बैतूल) ग्राम पंचायत गोराखार सरपंच के भाई का अतिक्रमण छुपाने के लिए तीन गरीब आदिवासियों से आरआई और पटवारी ने किया खिलवाड़ , - सीमांकन में मनमानी और फरेब को लेकर तीनों आदिवासियों ने शपथ पत्र के साथ कलेक्टर को की थी शिकायत
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार में अन्छाराम पिता केजा के खसरा नंबर 280, रकबा 0.073 हेक्टेयर में 10 जनवरी 2024 को आरआई और पटवारी द्वारा किए गए सीमांकन पर आपत्ति लगाते हुए अन्छाराम पिता केजा, मन्ना पिता दमडू और अन्छाराम पिता दशन ने मय शपथपत्र के साथ शिकायत की थी। उन्होंने 25 अप्रैल 2024 को यह शिकायत की, लेकिन इसके बावजूद पूरे मामले में न्यायोचित कार्रवाई नहीं की गई? जिसकी वजह से तीन गरीब आदिवासी उलझ रहे है और सरकारी सिस्टम के षडय़ंत्र का शिकार बन रहे है! वे सरपंच महेश रावत के एड्रेस गृह क्रमांक 24 और उनके भाई देवेन्द्र रावत के अतिक्रमण को छुपाने के लिए किए जा रहे प्रयास में सरकारी सिस्टम की चक्की में पीसे जा रहे है और इसके लिए क्षेत्र के आरआई और पटवारी ने कानून नियम प्रक्रिया को ताक पर रख दिया है? एक सीमांकन में तीन आदिवासियों का नुकसान करने के खेल को लेकर आदिवासियों द्वारा मय शपथपत्र के साथ शिकायत करने के बाद भी कहीं किसी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है?
- शपथ पत्र 01:- अन्छाराम पिता दशन का आरोप कि सीमांकन में मन्ना वल्द दमडू की बाड़ी में खुटी गाडक़र उसे अन्छाराम वल्द केजा की जमीन बताया गया, आरआई पटवारी ने मौके पर मौजूद आदिवासियों की नहीं सुनी..?
अन्छाराम पिता दशन नवड़े ने बताया कि हल्का पटवारी अर्जुन चौहान और आरआई तथा कोटवार द्वारा 10 जनवरी 2024 को खसरा नंबर 280 का सीमांकन न करके खसरा नंबर 270 से लेकर खसरा नंबर 279 की नपाई की गई। समस्त आदिवासियों की बाडिय़ों का नापने पर उसने कहा कि मेरी बाड़ी क्यों नाप रहे हो? इस पर सरपंच का भतीजा अमित रावत बोला कि मैं अधिवक्ता हूं कानून जानता है, तब आरआई साहब बोले सब ठीक है जगह पर ही रहेगा? उसी समय अमित रावत के दादा बाबूलाल रावत ने कहा कि अगर मेरी जमीन नापी गई तो इनकी आधी बाड़ी तक मेरी जमीन आएगी और इनका मकान रोड तक आ जाएगा और रोड के सामने की बाड़ी घुडिय़ा के खेत में जाएगी। वहीं समस्त बाडिय़ों को नापने के बाद देवेन्द्र पिता शंकरदयाल रावत बोला कि मन्ना वल्द दमडू की बाड़ी अन्छाराम वल्द दशन के घर तक जाएगी और अन्छाराम दशन की बाड़ी भैयालाल झब्बर की बाड़ी में जाएगी, ऐसे में सभी मकान सरकेंगे! पटवारी और आरआई ने खसरा नंबर 280 को नापा ही नही है और खसरा नंबर 279 के मालिक मन्ना वल्द दमडू की बाड़ी में अंच्छाराम पिता केजा की जमीन पर खुटी गाडक़र उसकी जमीन होना बताया? वहीं पटवारी द्वारा अंच्छाराम वल्द केजा को कहा कि सीमांकन का फैसला तुम्हे पांच से छ: दिन में मिल जाएगा।
- शपथ क्रमांक 2 :- मन्ना पिता दमड़ू ने कहा कि जिसकी जमीन नापना है उसको छोडक़र मेरी बाड़ी क्यों नाप रहे हो..?
मन्ना पिता दमडूृ उईके ने अपने शपथपत्र में बताया कि खसरा नंबर 280 का सीमांकन करने की जगह 270 से लेकर 279 तक की जमीन नापी गई, जिसमें रमोती पति हीरालाल ने बाड़ी खसरा नंबर 271 में खड़े होकर बोला कि जिधर नापना था उधर नहीं नापते, इधर क्यों नापते? इस पर पटवारी, आरआई और कोटवार जरीब पकडक़र नापते-नापते लौट गए और डेरी के सीध की मेढ़ से सिंगाजी पिता राधे नवड़े की आधी बाड़ी छोडक़र नापी और वहीं से भैयालाल कुमरे की बाड़ी नापने लगे? और फिर अन्छाराम पिता दशन की बाड़ी को नापा गया। आदिवासियों की सभी बाडियां नापने पर उसने कहा कि मेरी बाड़ी क्यों नाप रहे है तो सरपंच महेश रावत के भाई ने कहा कि यह दामा और मेरा मेटर है तो उसने कहा कि तुम्हारा मेटर है तो तुम उसकी यह जमीन क्यों नहीं नाप रहे है? मेरी बाड़ी है यही रहेगी, मेरी जमीन क्यों नापी?
- शपथ पत्र 03 : - अन्छाराम पिता केजा का आरोप कि सरपंच के भाई देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का अवैध कब्जा छुपाने के लिए आर.आई., पटवारी ने सभी आदिवासियों की बाड़ी नापी और आदिवासियों का अतिक्रमण दिखाया..!
सीमांकन के लिए आवेदन देने वाले अन्छाराम पिता केजा ने अपने शपथ पत्र में पूरा विवरण बताते हुए कहा कि पटवारी एवं आरआई द्वारा 10 जनवरी 2024 को खसरा नंबर 280, रकबा 0.073 हेक्टेयर का सीमांकन नहीं करके खसरा 270 से लेकर खसरा 279 की नपाई की गई? यह कि स्थल पंचनामा और जांच प्रतिवेदन में आवेदक की भूमि खसरा नंबर 280 में से 0.068 हेक्टेयर पर मन्ना पिता दमडू एवं 0.005 हेक्टेयर में पड़ोसी कृषक अन्छाराम पिता दशन का बेजा कब्जा बताया गया! उसका कहना है कि आरआई पटवारी ने विधिवत सीमांकन नही करते हुए मौके पर मौजूद सरपंच महेश रावत के भाई देवेन्द्र शंकरदयाल रावत और भतीजे अमित रावत के दबाव में मनमाना सीमांकन किया है? यदि वे खसरा नंबर 280 का वास्तविक सीमांकन करते तो देवेन्द्र पिता शंकरदयाल द्वारा जो अतिक्रमण कर मकान और चक्की का शेड बनाया गया है, वह सीमांकन रिपोर्ट में सिद्ध हो जाता? उसका कहना है कि देवेन्द्र पिता शंकरदयाल का अतिक्रमण छुपाने के लिए उसके खसरा नंबर 280 में खसरा नंबर 279 और खसरा नंबर 278 के उसके पड़ोसी अंच्छाराम पिता दशन और मन्ना दमडू का कब्जा दिखा दिया गया?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 22 मई 2024