(बैतूल) गोराखार सरपंच का प्रिय पटवारी सीएम हेल्पलाईन में भी दे रहा गोलमोल जवाब, - पीएम किसान सम्मान निधि और सीएम किसान कल्याण योजना में गड़बड़ी को लेकर छुपा रहे तथ्य
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार में अपात्र किसानों को किसान सम्मान निधि दिए जाने के मामले में शिकायत के बावजूद जिम्मेदार पटवारी के खिलाफ कोई ठोस एक्शन नहीं हो रहा है? पटवारी द्वारा पूरे मामले में गोलमाल तरीके से तथ्य प्रस्तुत कर सच्चाई को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है! 44 अपात्र हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिलवाने के मामले में सीएम हेल्प लाईन में जो शिकायत हुई थी, उसमें पटवारी द्वारा 44 में से 4 किसानों से रिकवरी करने का जवाब देकर मामले से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया जा रहा है? आश्चर्यजनक बात यह है कि सीएम हेल्प लाईन को लेवल 1, 2, 3 पर ही घुमाया जा रहा है, इसे लेवल 4 कमिश्रर के पास जाने ही नहीं दिया जा रहा है? जिस तरह से सीएम हेल्पलाईन पर इस शिकायत को लिया जा रहा है, उससे स्पष्ट नजर आ रहा है कि मामले में कहीं न कहीं पटवारी को बचाने के लिए तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है और जांच न हो इसके लिए शिकायत को उच्च स्तर पर जाने ही नहीं दिया जा रहा है? शिकायतकर्ता का कहना है कि उनके द्वारा 44 अपात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री कल्याण योजना का लाभ दिए जाने की बात की गई थी, लेकिन उनके द्वारा 18 दिसम्बर 2023 को सीएम हेल्पलाईन में जो शिकायत की गई थी, उसमें जांच भी उसी पटवारी से करवाई गई? जिस पर गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगा था?
पटवारी द्वारा जांच में लीपापोती की गई और जवाब दिया गया कि ग्राम गोराखार, सरंडई के अंतर्गत पात्र खातेधारकों के पंजीयन किए गए है। योजना के प्रारंभ में हितग्राहियों द्वारा पेंशन प्राप्त होने एवं शासकीय सेवा में होने संबंधी जानकारी नहीं देने के कारण जानकारी के अभाव में पंजीयन किया गया था। बाद में पंचायत स्तर पर उक्त योजना के लाभार्थियों की सूची का वाचन किया गया। जिसमें अपात्र पाए गए हितग्राहियों की पेंशन स्टॉप की कार्रवाई की गई, साथ ही रिकवरी गई। गयादुद्दीन बारपेटे , बाबूलाल रावत शिक्षा विभाग, चैनसिंह कुमरे एवं शीला मांदरेकर जिला सहकारी बैंक में कार्यरत होने से रिकवरी की कार्रवाई की गई? उक्त जवाब के बाद 19 फरवरी 2024 को शिकायत को बंद कर दिया गया! शिकायत बंद करने के पहले शिकायतकर्ता को कोई सूचना नहीं दी गई और न ही उनसे संतुष्टि को लेकर पूछा गया? शिकायतकर्ता ने पुन: 20 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई और पूर्व में जो जवाब दिया गया था, वहीं जवाब दोहराया गया! तबसे लेकर अभी तक यह शिकायत लेवल 1, 2, 3 पर ही घुम रही है और इसका कोई भी ठोस निराकरण नहीं किया जा रहा है और न ही पटवारी द्वारा दिए गए जवाब की प्रमाणिकता के लिए कोई प्रयास किए जा रहे है? पटवारी के जवाब को लेकर शिकायकर्ता का कहना है कि गयाद्दीन बारपेटे और शीला मांदरेकर की तो उन्होंने कोई शिकायत ही नहीं की थी, उनके द्वारा दी गई 44 की सूची में इनका नाम ही नहीं है और दोनों गांव में रहते भी नहीं है! ऐसी स्थिति में पटवारी के दिए गए जवाब की अलग से सूक्ष्म जांच हो?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 26 मई 2024