(बैतूल) सरपंच परिवार का हित साधने पटवारी नहीं कर रहा है आदिवासी का फौती नामांतरण , - खसरा नंबर 280 का अतिक्रमण छुपाने खसरा नंबर 278 में पटवारी नियमों की कर रहा अनदेखी
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार के पटवारी को लेकर आदिवासियों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि सरपंच परिवार के हितों का साधने के लिए नियम कायदों को ताक पर रखकर काम कर रहा है? यह फौती नामांतरण जैसी सामान्य सुविधा तक पूरी प्रक्रिया में आवेदन के साथ ही नहीं दे रहा है! आवेदन करने के बाद भी आरसीएमएस पोर्टल पर फौती नामांतरण तक का प्रकरण दर्ज नहीं किया? यह सब इसलिए किया जा रहा है कि जिस खसरा नंबर 280 में सरपंच के भाई देवेन्द्र शंकरदयाल रावत का कब्जा है? उसकी सच्चाई को छुपाया जा सके? दरअसल पटवारी ने ही खसरा नंबर 280 के भूमि स्वामी अन्छाराम पिता केजा द्वारा सीमांकन कराने के दौरान उक्त खसरे में सरपंच के भाई देवेन्द्र रावत का कब्जा न बताते हुए अन्छाराम पिता दशन नवड़े का कब्जा बता दिया था! इसके अलावा एक अन्य और आदिवासी मन्ना पिता दमडू का अतिक्रमण बता दिया था! मन्ना पिता दमडू का खसरा नंबर 279 है, वहीं अन्छाराम पिता दशन नवड़े का खसरा नंबर 278 है। यह दोनों अन्छाराम पिता केजा के पड़ोसी है। दोनों का कुल अतिक्रमण खसरा नंबर 280 के कुल रकबे 0.073 हेक्टेयर के बराबर बता दिया गया? अब ऐसी स्थिति में अन्छाराम पिता दशन नवड़े ने अपने माता-पिता की मृत्यु होने के बाद खसरा नंबर 278 और खसरा नंबर 62/1 में फौती नामांतरण के लिए 10 अक्टूबर 2022 को तहसील बैतूल में 100 रूपए का शुल्क चुकाकर मां के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ आवेदन दिया था, लेकिन आज दिनांक तक पटवारी अर्जुन चौहान द्वारा नामांतरण नहीं किया गया? इस दौरान अन्छाराम पिता दशन नवड़े ने कम से कम आधा दर्जन बार पटवारी से संपर्क किया और नामांतरण करने के लिए कहा, लेकिन उसके द्वारा बहानेबाजी कर टालमटोल कर दिया गया? इसके बाद पटवारी द्वारा अन्छाराम के पुत्र को फोन कर अपनी जमीन का सीमांकन करने के लिए कहा गया, लेकिन नामांतरण नहीं किया गया? उक्त आदिवासी परिवार का आरोप है कि सरपंच परिवार के खसरा नंबर 280 में अतिक्रमण को दबाने और छुपाने के लिए पटवारी द्वारा हमारे खसरे का नामांतरण नहीं किया जा रहा है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 27 मई 2024