(बैतूल) 2004 की मजदूरी के मस्टररोल में 2005 में सरपंच बने महेश ने 2008 में किए हस्ताक्षर! - ग्राम पंचायत गोराखार में मनरेगा में दस्तावेज से सामने आ रहे फर्जीवाड़े में जांच की आवश्यकता..?
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार में मनरेगा में बड़ा घोटाला दस्तावेजों के माध्यम से नजर आ रहा है? आरटीआई में निकाले गए दस्तावेजों से ऐसे-ऐसे कारनामे सामने आ रहे है, जो यह बताते है कि भ्रष्टाचार करने के लिए सामान्य बुद्धि का भी उपयोग नहीं किया गया! हालत यह है कि वर्तमान सरपंच महेश रावत ने अपने पिछले सरपंची कार्यकाल से 2005 से 2010 के दौरान मनरेगा में जिस स्तर पर अनियिमतताएं की है, वह मनरेगा के मस्टररोल से सामने आ रही है और यह गंभीर जांच का विषय है?उन्होंने उस कार्यकाल की मजदूरी के मस्टररोल पर साईन किए है, जिसमें वे सरपंच की भूमिका में ही नहीं थे! उस दौरान कोई और सरपंच था, लेकिन जब मस्टररोल भरे गए तो इन्होंने अपने कार्यकाल में उसमें हस्ताक्षर किए? अब सवाल यह है कि 2004 के मजदूरी के मस्टररोल में 2008 में सरपंच महेश रावत को हस्ताक्षर करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या कारण है कि उपरोक्त मस्टररोल जनपद पंचायत अधिकारी द्वारा 8 माह पहले वैरीफाई किए गये ! इस तरह की स्थिति बताती है कि मामले में उच्च स्तरीय जांच की नितांत आवश्यकता है और इसको लेकर उच्च अधिकारियों एक्शन लेना चाहिए?
1 - मस्टररोल क्रमांक 31181930 जिसमें नजर सिंह/ छन्नू का कपिलधारा कूप निर्माण हुआ। इस निर्माण के मस्टररोल के अनुसार मजदूरों ने 25 अगस्त 2004 से 30 अगस्त 2004 तक मजदूरी की और इस मस्टररोल पर सरपंच महेश रावत ने 31 अगस्त 2008 को हस्ताक्षर किए।
2 - मस्टररोल क्रमांक 181928 शोभाराम/ अलमशा के कपिलधारा कूप निर्माण के मस्टररोल में दर्ज है कि मजदूरों ने 25 अगस्त 2004 से 30 अगस्त 2004 तक काम किया, लेकिन सरपंच महेश रावत ने अपने पूर्व कार्यकाल में 31 अगस्त 2008 को ही हस्ताक्षर किए?
3 - मस्टररोल क्रमांक 181927 पारनू/काशीराम के कपिलधारा कूप निर्माण के मस्टररोल में दर्ज है कि 10 मजदूरों ने 25 अगस्त 2004 से 30 अगस्त 2004 तक काम किया, लेकिन सरपंच महेश रावत ने पूर्व कार्यकाल में 31 अगस्त 2008 को हस्ताक्षर किए?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 31 मई 2024