बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । ग्राम पंचायत गोराखार के सरपंच महेश रावत गजब ही काम करते है! उनके लिए नियम कायदे कोई मायने ही नहीं रखते और आश्चर्य जनक बात यह है कि महेश रावत के गजब के फर्जीवाड़े को बैतूल जनपद से भी खुला समर्थन मिलता हुआ दिखाई देता है? ग्रामीणों ने तो खुला आरोप लगाया है कि सरपंच महेश रावत को जनपद पंचायत बैतूल से हर तरह का फर्जीवाड़ा करने की खुली छूट मिली हुई है? यह छूट उन्हें पिछले कार्यकाल से ही मिली हुई है? ग्रामीण कहते है कि यही कारण है कि कोरे बिल पर व्हाऊचर नंबर अंकित कर भुगतान किया जा रहा है और इस पर न तो कभी ऑडिट आपित्त आई और न ही जनपद के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों ने रोक लगाई? ग्रामीणों के अनुसार सरपंच महेश रावत अपने पिछले कार्यकाल से ही हर स्तर पर आर्थिक अनियमितता में संलग्न रहे है और इसके बावजूद उनकी कभी जांच तक नहीं हुई!

- घोटाले का प्रमाण : 01...
- कोरे बिल पर व्हाउचर नंबर अंकित करना ही आर्थिक अनियमितता को जाहिर कर रहा हेै...
ग्राम पंचायत गोराखार में कुंदन इंटरप्राईजेस के नाम पर एक बिल जारी किया गया, जिसमें सरपंच महेश रावत ने 7 मार्च 2008 को व्हाउचर नंबर 225 नंबर अंकित कर हस्ताक्षर किए है! इस तरह का कोरा बिल ही घोटाले का जहिर करता है, जो जांच का विषय है और घोर आश्चर्य का भी विषय है?

- घोटाले का प्रमाण : 02...
- कितने का बिल था और क्या भुगतान हुआ यह अपने आप में रहस्यमय सवाल बन गया...
गोराखार पंचायत में सरपंच द्वारा जिस बिल पर 7 मार्च 2008 को हस्ताक्षर किए गए वह किस काम के लिए था या किस सप्लाई के लिए था! यह बिल से जाहिर ही नहीं हो रहा है? उक्त बिल में कितनी राशि की डिमांड थी यह भी स्पष्ट नहीं है, फिर भी व्हाउचर नंबर डालकर हस्ताक्षर कर दिए गए?

- घोटाले का प्रमाण : 03...
- गांधी चौक पर किसी को नहीं पता कि कुंदन इंटरप्राईजेस कहां है और किसका है?
जिस कुंदन इंटरप्राईजेस के कोरे बिल पर भुगतान हुआ है, उसका पता गांधी चौक कोठीबाजार बिल पर लिखा हुआ है! यह कुंदन इंटरप्राईजेस कहां पर है इसको लेकर गांधी चौक के अलग-अलग व्यवसाय के एक दर्जन व्यापारियों से पूछा गया कि उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई इंटरप्राईजेस गांधी चौक पर नहीं है?

- घोटाले का प्रमाण : 04...
- कुंदन इंटरप्राईजेस के बिल पर टिन नंबर या संपर्क नंबर न होना फर्जीवाड़े का इशारा...
कथित कुंदन इंटरप्राईजेस के ही फर्जी होने को लेकर आरोप लग रहा है और इसकी वजह यह है कि इस बिल पर टिन नंबर नहीं है! वहीं बिल में रजिस्ट्रेशन नंबर 24 लिखा है और फर्म का दलित एजेंडे के तहत आदिम जाति कल्याण विभाग में पंजीकृत इकाई होना बताया गया है! यह सब फर्जीवाड़े को जगजाहिर कर रहा है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 04 जून 2024