(बैतूल) संगठन की वजह से भाजपा के डीडी उईके ने कांग्रेस के रामू टेकाम को दूसरी बार रिकार्ड मतों से चुनाव हराया , - इस बार सांसद डीडी उईके को आम जनता की उम्मीद पर खरा उतरना ही होगा
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। उम्मीद के मुताबिक सांसद डीडी उईके दूसरी बार बैतूल-हरदा-हरसूद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी रामू टेकाम को लगभग 4 लाख मतों से चुनाव में हराया है। पिछले बार के मुकाबले उनकी यह जीत अधिक मतों से हुई है। डीडी उईके ने दूसरी बार रिकार्ड मतों से चुनाव जीता है। डीडी उईके की जीत में भाजपा के संगठन का सबसे बड़ा योगदान है। माना जा रहा हेै कि इस चुनाव में महिला मतदाताओं ने विशेषकर लाड़ली बहना ने भाजपा को बम्पर वोट दिया है और इसलिए बैतूल संसदीय क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में भाजपा की अभूतपूर्व जीत हुई है। भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है। स्थिति यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम सभी आठों विधानसभा क्षेत्र में सांसद दुर्गादास उईके से चुनाव में हार गए है। यहां तक की भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा, जो कि उनकी गृह विधानसभा क्षेत्र कही जाती है। खैर जो भी हो लेकिन पूरा चुनाव निरस था, कहीं कोई उत्साह नहीं था। हालत यह है कि मतगणना स्थल जेएच कॉलेज के सामने पहली बार ऐसा देखा गया कि चुनाव के रिजल्ट को लेकर कार्यकर्ता या उत्साही मतदाताओं का हुजूम नदारद था। डीडी उईके के दूसरी बार रिकार्ड मत से चुनाव जीतने के बाद मतदाताओं की अब उनसे उम्मीदें बढ़ गई है।
- हर राउंड में डीडी उईके ने रामू टेकाम को दी करारी शिकस्त...
मतगणना में 20 राउंड हुए और हर राडंड में डीडी उईके ने रामू टेकाम को करारी शिकस्त दी है। ऐसा कोई भी राउंड नहीं रहा, जिसमें रामू टेकाम कहीं भी डीडी उईके का मुकाबला करते नजर आए हो। मतदान के बाद जो कयास लगाए जा रहे थे कि आदिवासी विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी और भैंसदेही में कांग्रेस के लिए कुछ बेहतर हो सकता है। वहां भी रामू टेकाम को निराशा ही हाथ लगी।
- कांग्रेस की बड़ी हार में विधानसभा चुनाव हारे उम्मीदवार जिम्मेदार...
जो राजनैतिक विश्लेषक है वे चुनाव की शुरूआत से ही इस बात को बार-बार दोहरा रहे थे कि जिन उम्मीदवारों ने कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। यदि वे उम्मीदवार अपने चुनाव की तरह कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम के लिए ताकत लगाते तो चुनाव में परिणाम कुछ भी हो सकते थे, लेकिन देखने में आया कि विधानसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों ने महज औपचारिकता निभाई।
- भाजपा का संगठन ही इस जीत का सबसे बड़ा है हकदार...
यदि कायदे से देखा जाए तो भाजपा की जो यह जीत हुई है, उसमें सबसे बड़ा योगदान भाजपा के संगठन का है और उससे भी बड़ा योगदान लाड़ली बहना का है। विधानसभा चुनाव की तरह ही लाड़ली बहना ने लोकसभा चुनाव में भी बम्पर वोट भाजपा को दिया है। महिलाओं को लगता है कि यदि केन्द्र में भी भाजपा की सरकार बनेगी तो लाड़ली बहना योजना इसी तरह संचालित रहेगी।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जून 2024