(बैतूल) आम जनता की बस एक ही गुजारिश सीएम साहब सबसे पहले हमारे जनप्रतिनिधियों को मजबूत कीजिए, ताकि अफसर इनकी बात ना टालें
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में सबसे बड़ी विड़म्बना यह है कि सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों का रसूख या दबदबा नौकरशाही पर नजर नहीं आता है! ऐसे कई उदाहरण सामने आते है। जिसमें जनप्रतिनिधि कहता कुछ और नौकरशाही करती कुछ और ही है। इसलिए बैतूल की जनता को अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों को लेकर ही निराश रहती है? ऐसी स्थिति में बैतूल की जनता से सीएम से सबसे बड़ी गुजारिश यह है कि वे हमारे बैतूल की जनता के वोट से चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इतना ताकतवार बनाए कि नौकरशाही की हिम्मत न पड़े कि उनकी बात में टालमटोल करें... यह बात इसलिए कही जा रही है कि जनप्रतिनिधियों के ताकतवर न होने से बिचौलियों की बैतूल में संख्या बढ़ गई है! बिचौलियों की संख्या बढऩे से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और आम लोगों के छोटे-छोटे काम तक नहीं हो रहे है। इसलिए सीएम को सबसे पहले बैतूल के माननीयों को यह दम देना चाहिए कि वे नौकरशाही को कंट्रोल कर सके...
जनप्रतिनिधि के साथ फर्जीवाड़े में दो वर्ष बाद भी पुलिस ने नहीं पकड़ा आरोपियों को
एक जनप्रतिनिधि के ही लेटरपेड का दुरूपयोग होता है और यह लेटरपेड फर्जी है, इस बात की शिकायत उक्त जनप्रतिनिधि बकायदा लिखित में पुलिस से करता है, लेकिन हालत यह रहती है कि पुलिस इस मामले में एफआईआर तक दर्ज नही करती। मामला मीडिया की सुर्खियों में आता है। तब जाकर पुलिस बमुश्किल 52 दिन बाद एफआईआर लिखती है, लेकिन उक्त एफआईआर में आज तक पुलिस ने कोई विवेचना नहीं की और न ही उक्त फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी की शिनाख्त की?
जनप्रतिनिधि को ही अपने समर्थक से उसका काम कराने दिलवानी पड़ी भेंट पूजा
नगरीय निकाय में एक जनप्रतिनिधि को अपने समर्थक का काम करवाने के लिए सिस्टम को फॉलो करते हुए दो पेटी की भेंट पूजा अधिकारी को दिलवानी पड़ी। मामला ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है और उक्त मामले में समर्थक का बिल संबंधित तकनीकी अधिकारी ने रोक लिया था और उसकी फाईल आगे नहीं बढ़ा रहा था। फाईल आगे बढ़ाने के नाम पर दो पेटी मांगे गए। कम ज्यादा भी नहीं किए, ऐसी स्थिति में वह समर्थक उक्त जनप्रतिनिधि के पास गया और उक्त अधिकारी को फोन करने के लिए कहा। सिस्टम को समझते हुए जनप्रतिनिधि ने समर्थक को 2 पेटी उधार दी और कहा कि अपना काम करवा लें।
- इनका कहना...
- भाजपा के राज में नौकरशाही हावी....
इसमें कोई दो मत नहीं है, बैतूल जिले में नौकरशाही हावी है और वह जनप्रतिनिधियों को भी ताक पर रखती है। शिवराज सरकार का दौर हो या मोहन सरकार का दौर हो, नौकरशाही का ही बोलबाला है।
- देवेंद्र मोनू वाघ, जिला प्रवक्ता, कांग्रेस।
- कांग्रेस के दौर में डरते थे अफसर....
कांग्रेस की सरकार के दौर में देखा कि किसी अधिकारी में हिम्मत नहीं थी कि सुखदेव पांसे या निलय डागा जैसे विधायक के किसी काम में टालमटोल कर दे। जो अधिकारी जरा भी आगे पीछे होता था उसे तगड़ा डोज दिया जाता था।
- राज मालवीय , वरिष्ठ पत्रकार, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 जून 2024