बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल नगरपालिका में 22 फरवरी 2024 से जो रनिंग बिल में 10 फीसदी ईई चैकिंग के नाम पर काटा जा रहा है, उसको लेकर सबसे बड़ा सवाल तो यह खड़ा हो रहा है कि बाकी निकायों में क्यों यह कटौती नहीं हो रही है? यह सवाल जायज इसलिए भी है कि बैतूल नगरपालिका के वर्तमान सीएमओ ही डूडा के भी प्रभारी है और सभी नगरीय निकायों को दिशा निर्देश देने का काम परियोजना अधिकारी डूडा का ही रहता है। चूंकि बैतूल नपा के सीएमओ ओमपाल सिह भदौरिया ने ही 12 मार्च को ईई संभागीय कार्यालय को पत्र लिखकर ईई चैकिंग के लिए 10 फीसदी रनिंग बिल में काटने का मार्गदर्शन मांगा था, जिसमें 15 मार्च 2024 को ईई संभागीय कार्यालय से उन्हें मार्गदर्शन दिया गया था। अब ऐसी स्थिति में बैतूल सीएमओ के साथ-साथ डूडा इंचार्ज होने पर उनकी यह नैतिक और प्रशासकीय जवाबदारी थी कि वे ईई संभागीय कार्यालय से मिले मार्गदर्शन के अनुसार जिले के अन्य नगरीय निकायों में भी रनिंग बिल के अंतर्गत 10 फीसदी की कटौती करवाए। उन्होंने ऐसा न कर एक तरह से अपने प्रशासकीय उत्तरदायित्वों की अवहेलना की है? तीन माह की अवधि हो चुकी है, इस दौरान भी उन्होंने ईई संभागीय कार्यालय के मार्गदर्शन के अनुसार अन्य नगरीय निकायों में कटौत्रा का फार्मूला लागू न कर यह सिद्ध कर दिया गया कि बैतूल नगरपालिका में किसी दुर्भावनावश ही ठेकेदारों को परेशान करना या किसी अतिरिक्त अपेक्षा के तहत दबाव बनाने के लिए यह 10 फीसदी कटौती का फार्मूला थोपा गया है। चूंकि लेखा एवं वित्त का यह सर्कुलर 2018 का है। अब ऐसे नीयत पर सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि 31 जनवरी को ईई महेश अग्रवाल रिटायर होते है तो तत्काल कटौती का नियम लागू नहीं होता, लेकिन पता नहीं अचानक ही इंजीनियर्स को कौन सा गुरू ज्ञान मिलता है कि वे 22 फरवरी से आनन-फानन में रनिंग बिलों में कटौती शुरू कर देते है। आश्चर्यजनक बात यह है कि उन्होंने इस संबंध में सहायक लेखा अधिकारी से भी इन इंजीनियर्स ने कटौती नियम लागू करने को लेकर कोई परामर्श या मार्गदर्शन नहीं लिया। वहीं दूसरी ओर सीएमओ ने भी इस मामले में प्रशासकीय प्रक्रिया की अनदेखी की और उन्होंने कटौत्री की शुरूआत करने वाले इंजीनियर से यह भी पूछना जरूरी नहीं समझा कि यह काम जब लेखा एवं वित्त शाखा का है तो आखिर उन्हें अचानक ही क्यों यह सब करना पड़ रहा है और किसके आदेश पर कर रहे है? जब इस तरह से 10 फीसदी कटौती को लेकर सवाल उठने लगे तो सीएमओ ने केवल ईई संभागीय कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा, लेकिन उन्होंने अपने इंजीनियर्स द्वारा किए गए अधिकार क्षेत्र के बाहर के कार्य को लेकर कोई सवाल जवाब नहीं किया और न ही उन्हें तब तक नहीं रोक जब तक बैतूल विधायक ने इंजीनियर्स द्वारा की जा रही है कटौती पर आपत्ति नहीं ली! पूरे मामले में एक बात स्पष्ट है कि केवल बैतूल नगरपालिका में ही कटौती होना बताता है कि बैतूल नगरपालिका में अधिकारियों के मध्य ही अंदरखाने में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और वे आपसी दांव पेंच में ठेकेदारों को बली का बकरा बना रहे है? इस पूरे मामले में सीएमओ और डूडा इंचार्ज ओमपाल सिंह भदौरिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन कॉल अटैंड नहीं किया ।

- इनका कहना...
- यह सब मामले ईएनसी देखते है। मैं उन्हें देखने के लिए कहता हूं कि बैतूल नगरपालिका में यह सब क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है। 
- भरत यादव, ओएसडी सीएम एवं आयुक्त , नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म. प्र.।

- उपरोक्त मामले में विधायक बैतूल ने भी मुझे अवगत कराया था। अब आपके द्वारा भी बताया जा रहा है। गुरूवार को अवकाश से लौटने के बाद पूरे मामले का रिव्यू करूंगा और उच्च स्तर पर भी बात करूंगा । 
- नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर, बैतूल ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 जून 2024