बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। नगरपालिका में जो कमीशनबाजी का सिस्टम है वह विधानसभा चुनाव के बाद ठेकेदारों पर भारी पड़ रहा है। ठेकेदारों से 19 फीसदी कमीशन रनिंग बिल में वसूल किया जा रहा है! वहीं दूसरी ओर अब ईई चैकिंग के नाम पर जो 10 फीसदी की कटौती हो रही है? जब भविष्य में इस कटौती का पैसा वापस लेंगे तो तब उन्हें ईई के नाम का 2 फीसदी कमीशन भी चुकाना पड़ेगा? यह तमाम बातें नगरपालिका में आपस में चर्चा के दौरान हिसाब-किताब लगा रहे ठेकेदारों की बातचीत से सामने आई है। लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि कोई नहीं कर रहा, लेकिन यह जांच का विषय है? चर्चा करने वाले ठेकेदारों ने विधायक के समर्थक माने जाने वाले ठेकेदार भी शामिल है और वे इस बात से दुखी है कि विधायक चुने के बाद  उन्हें अतिरिक्त कमीशन चुकाना पड़ रहा है। एक ठेकेदार ने ऑफ द रिकार्ड चर्चा में कहा कि नगरपालिका में अलग-अलग स्तर पर जहां-जहां से पैमेंट की फाईल घुमती है, वहां-वहां पर कमीशन लगता है, यह कोई दबी छिपी बात नहीं है और कमीशन की इस बहती गंगा में जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी और कर्मचारी सभी डुबकी लगाते है? खैर नगरपालिका में 19 फीसदी कमीशन रनिंग बिल में लिया जा रहा है! इसमें खास बात यह है कि अकाउंट से पहले जो 7 फीसदी कमीशन लगता था, उसे विधायक चुनाव के बाद 9 फीसदी कर दिया गया है? यहां पर सिस्टम में यह भी अपडेट किया गया है कि एडवांस देने पर ही फाईल मूव होती है, अन्यथा फाईल को दबा दिया जाता है, आगे नहीं बढ़ाया जाता। कहा जाता है कि अकाउंट में स्पष्ट रूप से ठेकेदारों को अलग-अलग बुलाकर यह मैसेज शुद्ध हिन्दी में दे दिया गया है कि 9 फीसदी एडवांस होगा, तभी फाईल आगे बढ़ेगी, अन्यथा फाईल को अटकाने के लिए तमाम फार्मूले लागू कर दिए जाएंगे! रनिंग बिल में 10 फीसदी की कटौती झेल रहे ठेकेदारों को यह अत्याचार भी बर्दाश्त करना पड़ रहा है, क्योंकि वे देख चुके है कि अपने समर्थक ने ही भैया ने 2 पेटी अपने पास से देकर उसकी फाईल आगे बढ़वाई थी। ऐसे में कोई यह उम्मीद नहीं कर रहा कि अकाउंट के एडवांस अत्याचार को लेकर भैया किसी भी स्तर पर कुछ हलचल करेंगे, या दमखम दिखाएंगे? खैर सिस्टम चल रहा है और यह सिस्टम बता रहा है कि नगरीय निकाय में कमीशनबाजी का ग्राफ कैसे बढ़ रहा है और इस ग्राफ का नमूना अकाउंट का चकमक होता कक्ष भी है।

- अकाउंट से बंद करा दी गई सिंगल विंडो...
ठेकेदारों की बातचीत से यह बात भी सामने आई कि नगरपालिका में कोई सिंगल विंडो सिस्टम चलता था, जिसमें 12-13 ठेकेदारों को कुछ कमीशन कम लगता था, लेकिन बताते है कि अकाउंट ने यह सिंगल विंडो भी बंद करा दी और साफ-साफ कह दिया कि अब सबके लिए एक ही फार्मूला रहेगा और इस फार्मूले में सब एडवांस में ही होगा? उधारी सिस्टम में खाता नहीं चलेगा। 

- आखिर विधायक क्यों नहीं रोक पा रहे है यह अंधेरगर्दी...
एक जागरूक नागरिक का कहना है कि कमीशनबाजी नगरीय निकाय के सिस्टम का हिस्सा है, लेकिन जिस तरह से कुल 21 फीसदी कमीशन नपा में चलाया जा रहा है, इस पर विधायक क्यों मौन है? वे इस अंधेरगर्दी को लेकर खुलकर क्यों सामने नहीं आते, जबकि उन्हें सब पता है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 17 जून 2024