(बैतूल) संभागीय ईई एक ही होने के बाद भी केवल 10 फीसदी की कटौती बैतूल में हो रही, हरदा और होशंगाबाद जिले में नहीं , - ईई चैकिंग के नाम पर कमीशनखोरी को बढ़ावा देने के खेल में जनप्रतिनिधियों का मौन सवाल खड़े कर रहा
बैतूल (हेडलाईन)/नवल वर्मा । बैतूल नगरपालिका में 10 फीसदी ईई चैकिंग के नाम पर फरवरी 2024 से की जा रही कटौती को लेकर नगरपालिका प्रशासन यह दावा करता है कि इस कटौती को लेकर संभागीय ईई से मार्गदर्शन लिया गया था। उनके इस दावे को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह मार्गदर्शन केवल बैतूल नगरपालिका में ही क्यों लागू हो रहा है? संभाग के दो अन्य जिलों के नगरीय निकायों में वे लागू क्यों नहीं करवा रहे है? मान लिया जाए कि ईई जहां बैठते है, लेकिन हरदा जिले के नगरीय निकायों में भी यह सिस्टम लागू क्यों नहीं हो रहा है ? होशंगाबाद जिले में संभागीय ईई जिला मुख्यालय में बैठते है और ऐसे में जिला मुख्यालय की होशंगाबाद नगरपालिका में यदि नहीं काटा जा रहा है तो यह भी समझ आता है, लेकिन सिवनी मालवा में क्यों नहीं काटा जा रहा है? इन तमाम तर्क का लब्बोलुआब यह है कि संभागीय ईई के जिस कथित मार्गदर्शन की आड़ में बैतूल नगरपालिका में 10 फीसदी कटौती का जो अत्याचार किया जा रहा है उसे अधिकारी जायज ठहरा सके। चूंकि कोई भी नियम लागू होता है तो किसी एक या दो निकाय के लिए लागू होता नहीं है। इसलिए जो बैतूल नगरपालिका में फरवरी के बाद से किया जा रहा है,वह गैरवाजिब माना जाएगा। जो जानकार है उनका दावा है कि नगरपालिका बैतूल में भ्रष्टाचार और नौकरशाही की मनमानी जिस स्तर पर पहुंच चुकी है, यह उसका नमूना है कि जिले की अन्य नगरीय निकायों में कटौती नहीं की जा रही और साथ ही संभाग के अन्य दो जिलों की नगरीय निकायों में कटौती नहीं की जा रही है। बैतूल नगरपालिका को ही 2018 के लेखा वित्त नियम के आधार पर बलि का बकरा बनाया जा रहा है। ठेकेदारों में इस बात को लेकर गुस्सा है और वे जनप्रतिनिधियों के सामने जाहिर भी कर चुके है, लेकिन अज्ञात कारणों से जनप्रतिनिधि भी इस मामले में कुछ कर नहीं पा रहे है। इसलिए बैतूल नगरपालिका में जो कमीशनखोरी के आरोप लगते है, उसको लेकर भी जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर प्रश्र चिन्ह लग रहा है।
ईएनसी के निर्देश पर अधीक्षण यंत्री बैतूल पहुंचे और सीएमओ से किए सवाल-जवाब
नगरीय निकाय आयुक्त और सीएम के सचिव भरत यादव के आदेश के आधार पर ईएनसी ने अधीक्षण यंत्री आरआर जारोलिया को बैतूल नगरपालिका में चल रहे 10 फीसदी वाले मामले में वस्तुस्थिति जानने भेजा था। उन्होंने सीएमओ से सवाल-जवाब किए, जिसमें सीएमओ ने बताया कि 2018 के लेखा एवं वित्त के नियम के अनुसार यह कटौती हो रही है, लेकिन सीएमओ ने उन्हें यह नहीं बताया कि बैतूल नगरपालिका के अलावा बैतूल जिले की अन्य किन-किन नगरीय निकायों में यह कटौती हो रही है और जहां नहीं हो रही है तो वहां क्यों नहीं हो रही है? इसके अलावा सीएमओ ने संभागीय ईई के मार्गदर्शन का पत्र भी प्रस्तुत किया, लेकिन यह नहीं बताया कि ईई के मार्गदर्शन के बाद भी संभाग के अन्य दो जिलों में कटौती हो रही है या नहीं यदि नहीं हो रही है तो क्यों? यदि अधीक्षण यंत्री ठेकेदारों से भी जानकारी लेते और डूडा के प्रभारी बैतूल सीएमओ से अन्य नगरीय निकायों के फरवरी के बाद के बिल चेक करवाते तो सच्चाई उनके भी सामने आ जाती।
विधायक बैतूल का मौन खड़ा कर रहा सवाल
बैतूल नपा में जो कुछ चल रहा है, उस पर बैतूल विधायक की चुप्पी सवालों को जन्म दे रही है। क्या वजह है कि बैतूल विधायक 17 फीसदी का कमीशन 19 फीसदी होने और 21 फीसदी तक जाने पर जिम्मेदारों से सवाल नहीं कर रहे। उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनकी विधानसभा में बैतूल नपा में ही ईई चैकिंग का 10 फीसदी क्यों कट रहा अन्य दो निकायों में क्यों नहीं काटा जा रहा?
- इनका कहना...
अधीक्षण यंत्री शुक्रवार को आए थे और उन्होंने 10 फीसदी ईई चैकिंग कटौती को लेकर जानकारी ली है। जो वस्तुस्थिति है उससे अवगत कराया है।
ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नपा, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 24 जून 2024