बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा ।बैतूल नगरपालिका में इंजीनियर और अन्य अधिकारी ही नहीं बल्कि ऑडिटर भी चमत्कार दिखाने में विश्वास रखते है! इस बात का प्रमाण प्रताप वार्ड में सीसी रोड बनाने वाले राय कंस्ट्रक्शन का बिल है? यह उन तीन बिल में शामिल है, जिसमें 22 फरवरी 2024 से ईई चैकिंग के नाम पर की जा रही 10 फीसदी की कटौती के बावजूद कटौती नहीं की गई? 
आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज से इस बात का खुलासा हो रहा है कि ऑडिटर मुकेश जैन ने अज्ञात कारणों से राय कंस्ट्रक्शन के अकाउंट शाखा से आए बिल में न्यू इनवाईस जनरेट लिखकर उन्होंने उस बिल को 55 लाख 20 हजार 838 से बढ़ाकर 60 लाख 95 हजार 284 रूपए कर दिया और ऑडिटर के द्वारा जो 5 लाख 75 हजार 46 रूपए जोडक़र भुगतान के लिए जो बिल भेजा गया, उस पर अकाउंट शाखा ने भी सीएमओ से कोई अभिमत भी लेना जरूरी नहीं समझा और भुगतान कर दिया? यह प्रकरण बताता है कि नगरपालिका में किस स्तर पर और कैसी भर्राशाही चल रही है! ऑडिटर ने भी कोई दया भाव के तहत राय कंस्ट्रक्शन के बिल में 10 फीसदी की ईई चैकिंग की कटौती को वापस जुड़वाकर नहीं दिलवाया? कहीं न कहीं इसमें स्वहित जुड़ा हुआ है, जो कि जांच का विषय है? पूरे मामले को यदि देखा जाए तो 24 अप्रैल 2024 को भुगतान किए गए इस बिल में जो ईई चैकिंग के 10 फीसदी कटौती के नियम का ना केवल उल्लंघन हुआ, बल्कि यह एक तरह से अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर किया जाने वाले कृत्य माना जाएगा। जो आर्थिक नियम प्रक्रिया को जानते है, उनका कहना है कि इस प्रकरण में कायदे से ऑडिटर को सस्पेंड कर अलग से जांच होनी चाहिए। खैर जिन तीन बिल में ईई चैकिंग वाली 10 फीसदी की कटौती नहीं की गई, उन बिल के पीछे भी एक कहानी है। 
जिस तरह से एमएलबी स्कूल के निर्माण वाले बिल को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कह रहे है कि यह दूसरे विभाग का पैसा था, इसलिए नहीं काटा गया। इस तरह के मासूम जवाब पर एक एक्सपर्ट का कहना है कि भले ही किसी भी विभाग का पैसा हो, चूंकि निर्माण एजेंसी नगरपालिका है, इसलिए गुणवत्ता और भुगतान संबंधी तमाम नियम नगरीय निकाय वाले ही लागू होंगे और इसमें फाईनल भुगतान ईई नगरीय निकाय द्वारा ही किया जाएगा। वहीं बीआरपी कंस्ट्रक्शन के बिल को लेकर कहा जा रहा है कि यह पहले का बिल था तो इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। 
यह बिल जिस तारीख को एई ने भुगतान के लिए अकाउंट शाखा को भेजा उस तारीख से लगभग 15 मार्च तक एई द्वारा ही रनिंग बिल में 10 फीसदी की कटौती की गई। इसलिए बीआरपी वाले मामले में जो सीएमओ को एई समझा रहे है, वह किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। नगरपालिका के सहायक लेखा अधिकारी अंशुल अग्रवाल से राय कंस्ट्रक्शन के बिल में न्यू इनवाईस को लेकर क्या उन्होंने सीएमओ से अभिमत लिया, यह जानने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने आदत के मुताबिक कॉल अटैंड नहीं किया। वहीं पूरे मामले में चर्चा के लिए राजकुमार सोनी संयुक्त संचालक स्थानीय निधि सम्परीक्षा भोपाल से भी संपर्क किया, लेकिन उनके द्वारा भी कॉल अटैंड नहीं किया गया। जो स्थिति है उसमें पूरा मामला उच्च स्तरीय जांच का विषय है और यह भी देखा जाना चाहिए कि इस तरह की आर्थिक गड़बडिय़ों को लेकर समय रहते कदम क्यों नहीं उठाया गया और कौन जिम्मेदार है ?
आखिर बैतूल विधायक नपा बैतूल को लेकर कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहे?
जिस तरह से बैतूल नपा में नौकरशाही हावी हो चुकी है, भाजपा के ही पार्षदों के काम नहीं हो पा रहे है। चर्चा है कि कई पार्षद विधायक को जाकर नगरपालिका के हालात से अवगत भी करा चुके है। बताया जा रहा है कि विधायक तमाम परिस्थितियों से वाकिफ होने के बावजूद भी नपा के सभी अधिकारियों पर क्यों नियंत्रण नहीं कर पा रहे है? विधायक शहर में देख रहे है कि इन अधिकारियों की वजह से किस तरह से निर्माण कार्यो को लेकर छीछालेदर हो रही है। इसका बड़ा प्रमाण मुल्ला पेट्रोल पंप से थाना चौकी वाली सडक़ है। शहर में अधिकारियों की वजह से ही निर्माण कार्य लगातार विवाद में आ रहे है।

- इनका कहना...
- मैं ऐसे नहीं बता सकता। आप कागज लेकर आए, फिर मैं उसे देखकर ही कुछ बता पाउंगा। ऐसे बताना संभव ही नहीं है, ऐसे फोन पर नहीं बताया जा सकता, आकर मिलें। 
- मुकेश जैन, ऑडिटर, नपा बैतूल।

- आप मुझे बिल आदि उपलब्ध कराए। मैं जब आउंगा तो देखूंगा कि कहां क्या हुआ है। फिर मैं इस संबंध में संबंधित से जवाब लूंगा। 
- राजीव जैन, सहायक संचालक, ऑडिट।

- जो राय कंस्ट्रक्शन का बिल है, उसको लेकर सहायक लेखा अधिकारी और ऑडिटर दोनों से जानकारी ली जाएगी। इसके बाद उच्च अधिकारियों को कार्रवाई के लिए अवगत कराएंगे।
- ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नपा , बैतूल ।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 27 जून 2024