(बैतूल) डेढ़ माह तक फाईल रोककर रखी फिर 16 हजार कमीशन न देने पर आपत्तियां लगाकर लौटा दी , - नगरपालिका में भ्रष्टाचार चरम पर और तमाम जिम्मेदार चुप्पी साधकर बैठे

बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा ।बैतूल नगरपालिका में जो सिस्टम है उसमें किस तरह से कमीशन के लिए ठेकेदारों को परेशान किया जाता है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। इसमें ऑडिटर ने महज 16 हजार रूपए के कमीशन के लिए एक ठेकेदार की फाईल पर आपत्तियां लगाकर उसे वापस लौटा दी। इस मामले में बकायदा सीएमओ को शिकायत भी हुई और उनसे जवाब भी मांगा गया है। बताया गया कि भारत कंस्ट्रक्शन की 19 एवं 23 अप्रैल 2024 को तीन फाईल लेखा शाखा से ऑडिट शाखा में जाती है। उक्त फाईल पर 5 जून तक जब कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तब ठेकेदार ऑडिट शाखा गया, तब उसकी तीन में से दो फाईल महावीर वार्ड सीसी रोड और दुर्गा वार्ड आरसीसी नाली की फाईल ऑडिट कर दी, लेकिन सुभाष वार्ड की फाईल को ऑडिट करने से ऑडिटर मुकेश जैन ने मना कर दिया। जब ठेकेदार ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि 1 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 16 हजार रूपए लगेंगे तब ऑडिट करूंगा।
ठेकेदार ने 1 प्रतिशत कमीशन देने से मना कर दिया। फिर ऑडिटर ने कहा कि तुम्हारी फाईल में 10 तरह की आपत्तियां है, फिर उन्होंने नोटशीट पर आपत्तियां दर्ज की और फाईल को सीएमओ का मार्क कर फाईल वापस लौटा दी। मामले को लेकर ठेकेदार ने अगले दिन सीएमओ को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर सीएमओ ने कार्यालय अधीक्षक के माध्यम से ऑडिटर से शिकायत को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। ऑडिटर द्वारा अभी तक इस मामले में क्या स्पष्टीकरण दिया गया और क्या नहीं दिया गया, यह सामने नहीं आया। जब इस संबंध में उनसे चर्चा करने के लिए उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क किया गया तो दो बार कॉल करने के बावजूद उन्होंने कॉल अटैंड नहीं किया। इसके अलावा एक अन्य मोबाईल नंबर से उन्हें फिर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल अटैंड नहीं किया। खास बात यह है कि 5 जून को जब ऑडिटर और उक्त ठेकेदार के मध्य पूरा घटनाक्रम हो रहा था, उस समय शहर के एक सीनियर और प्रतिष्ठित पत्रकार राधेश्याम सिन्हा भी मौजूद थे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर ऑडिटर को आपत्तियां थी तो उन्होंने डेढ़ माह तब तक इंतजार क्यों किया? जब तक ठेकेदार 5 जून तक उनके पास नहीं पहुंचा और सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक ही ठेकेदार की तीन फाईल में से दो फाईल उसी स्थिति में ऑडिट हो जाती है और तीसरी में आपत्ति लगाई जाती है ऐसा क्यों?
- ऑडिटर की कथित ऑपत्तियां और ट्रेक रिकार्ड की सच्चाई...
- आपत्ति क्रमांक 01 - टेक्नीकल रिपोर्ट पर तात्कालिन सीएमओ और ईई के हस्ताक्षर का अभाव?
- सच्चाई - बैतूल नगरपालिका में 5 जून 2024 के पहले की फाईलें यदि चेक कर ली जाए तो किसी में भी टेक्नीकल रिपोर्ट में यह हस्ताक्षर नहीं मिलेंगे।
- आपत्ति क्रमांक 02 - ड्राईंग पर सीएमओ के हस्ताक्षर मौजूद नहीं।
- सच्चाई - 5 जून 2024 के पहले की तमाम फाईलें जिन्हें वर्तमान ऑडिटर मुकेश जैन ने ही ऑडिट किया, उनमें भी हस्ताक्षर नहीं मिलेंगे।
- आपत्ति क्रमांक 03 - फोटोग्राफ पर हस्ताक्षर नहीं और डिजिटल फोटोग्राफ क्यों नहीं लगाए?
- सच्चाई - 5 जून 2024 को ही जो दुर्गा वार्ड और महावीर वार्ड की फाईल ऑडिट की गई, उनमें भी फोटोग्राफ पर इंजीनियर के हस्ताक्षर नहीं थे और सुभाष वार्ड की फाईल जिसमें डिजिटल फोटो संलग्र है।
- आपत्ति क्रमांक 04 - अनुबंध में तात्कालिन सीएमओ के हस्ताक्षर क्यों नहीं कराए गए, वर्तमान सीएमओ के समय नया अनुबंध क्यों नहीं कराया गया?
- सच्चाई - किसी भी ठेके में एजेंसी के साथ जो अनुबंध होता है, वह एक ही बार संपादित होता है। इसलिए नया अनुबंध का सवाल ही नहीं उठता।
* आपत्ति क्रमांक 05 - पीजी 47215 संलग्र क्यों नहीं है।
- सच्चाई - ठेेकेदार ने 5 जून को ही ऑडिटर को फाईल दिखाकर बता दिया कि फाईल में यह लगी हुई है।
- आपत्ति क्रमांक 06- पार्षद की शिकायत उपरांत निरीक्षण प्रतिवेदन पर एई सीएमओ से अवलोकन क्यों नहीं कराया गया?
- सच्चाई - उपरोक्त सडक़ के मामले में एई नीरज धुर्वे द्वारा जांच कर प्रतिवेदन दिया गया था। उसके बाद ही सीएमओ ने फाईल भुगतान हेतु लेखा शाखा भेजी।
- आपत्ति क्रमांक 07- कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र क्यों संलग्र नहीं किया गया?
- सच्चाई - बैतूल नगरपालिका में किसी भी निर्माण कार्य में कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र आज दिनांक तक नहीं मिलेगा। खबर लिखे जाने 27 जून को जो फाईल ऑडिटर ने ऑडिट की होगी उसमें भी कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा?
- इनका कहना....
- जो 16 हजार के कमीशन की शिकायत है उसमें ऑडिटर से जवाब मांगा गया है, संभवत आजकल में जवाब मिल जाएगा और जो राय कंस्ट्रक्शन का मामला में है उसमें लिखित में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
- ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नपा बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 28 जून 2024