(बैतूल) एडवांस कमीशन न देने का दंड ठेकेदार को कोर कटिंग और जांच में उलझाकर दिया जाता है , - उपयंत्री के निर्देश पर हुई कोर जांच को कमीशन के लिए एई अमान्य कर दोबारा कोर टेस्ट के लिए कराते है आदेश
बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। बैतूल नगरपालिका में एई का टैलेंट देखकर कोई भी आश्चर्य में पड़ सकता है। उनका शुद्ध फार्मूला यह है कि उन्हें हर हाल में कमीशन चाहिए और उनके हिसाब से चाहिए। यदि वे संतुष्ट नहीं है तो वे ठेकेदार को किसी न किसी तरीके से उलझाने की कोशिश करते है और कई मामलों में तो वे सीएमओ को भी गुमराह कर उनके नाम से आदेश जारी करवाते है। सामान्य तौर पर सीसी रोड में कोर कटिंग और लैब टेस्ट गुणवत्ता के लिए होता है, लेकिन बैतूल नगरपालिका में यह कोर कटिंग और लैब टेस्ट एई की जेब भरने के लिए होता है। ऐसा ही एक मामला चन्द्रशेखर वार्ड की सीसी रोड का है। यहां पर इंजीनियर के मार्गदर्शन में सडक़ निर्माण होता है, फिर उपयंत्री द्वारा भुगतान प्रक्रिया के लिए ठेकेदार को 16 अप्रैल 2024 को डीसीएम लैब से कोर कटिंग और टेस्ट के लिए पत्र लिखा जाता है।
इसमें उन्हें निर्देशित किया जाता है कि वे एई और उपयंत्री की मौजूदगी में कोर कटिंग और परीक्षण करवाएं। ठेकेदार के द्वारा कोर कटिंग के लिए उक्त दोनों अधिकारी को कॉल किया जाता है, लेकिन उपयंत्री कहते है कि तुम ही कोर कटिंग करवा लो, इस पर ठेकेदार एई और उपयंत्री की नामौजूदगी में कोर कटिंग उपरांत परीक्षण करवाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। इसके बावजूद 2 मई तक ठेकेदार की भुगतान फाईल को रोककर रखा जाता है। फाईल रूके रहने पर ठेकेदार सीएमओ को भुगतान कराए जाने के लिए पत्र लिखते है। इसके बाद उपयंत्री बताता है कि एई साहब का कहना है कि फिर से कोर कटिंग करवाओ और हमारी मौजूदगी में कराओ तब फाईल आगे बढ़ेगी। ठेकेदार इस पर सहमति जताता है, लेकिन दोनों अधिकारी कोर कटिंग के लिए ना तो समय देते है और न ही कोई नया पत्र लिखते है। इस स्थिति में ठेकेदार 5 पत्र अलग-अलग तारीखों में सीएमओ को लिखकर कोर कटिंग करवाए जाने को लेकर निवेदन करता है। उनके इन पांच पत्रों के बाद भी उक्त दोनों अधिकारी किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं देते। इसके बाद 3 जून को सीएमओ की तरफ से एई नीरज धुर्वे ठेकेदार को पत्र जारी करवाते है कि पूर्व में जो कोर टेस्ट की लैब रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, उसे अमान्य कर दिया गया है। इसलिए दोबारा तकनीकी अमले की मौजूदगी में कोर कटिंग करवाएं। उन्होंने इसके लिए 6 जून का समय दिया। ठेकेदार ने सीएमओ को पत्र लिखकर विधायक और कलेक्टर की मौजूदगी में कोर कटिंग ओर कोर जांच की मांग की।
- नपा के इंजीनियर्स ने अन्य ठेकेदारों को कोर कटिंग और जांच के लिए ऐसे पत्र लिखे जिसमें उन्होंने स्वयं की मौजदूगी को लेकर कुछ नहीं लिखा...
एक तरफ ठेकेदार का कोर टेस्ट रिपोर्ट को अमान्य कर दोबारा तकनीकी अमले की मौजूदगी में फिर से कोर कटिंग और लैब जांच के लिए सीएमओ से एई पत्र लिखवाते है, जबकि इस तरह के मामले में उपयंत्री और सहायक यंत्री ही ठेकेदारों सहित लैब से पत्राचार करते है। चूंकि चन्द्रशेखर वार्ड की सडक़ के मामले में उपयंत्री और सहायक यंत्री की अपनी ही कोई मंशा है। इसलिए उन्होंने सीएमओ के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई। 7 जुलाई को राष्ट्रीय दिव्य दुनिया ने ही उक्त दोनों इंजनियरों द्वारा अन्य ठेकेदारों को कोर कटिंग और लैब जांच के लिए जांच पत्र लिखे, उनको प्रमाण के तौर पर छापकर बताया कि सभी के लिए कोर कटिंग और लैब जांच में उपयंत्री या सहायंत्री मौजूद नहीं रहते।
- आरोप : नियत में खोट है, इसलिए रेगुलर कमीशन के अलावा ठेकेदार से और नोंचने के लिए इस तरह के फार्मूला इस्तेमाल करते है... सहायक यंत्री
जो ठेेकेदार है उनमें से कुछ ने खुलकर तो कुछ ने ऑफ द रिकार्ड कहा है कि जो सहायक यंत्री है और जो उपयंत्री है उनकी नियत में खोट है और उनका लालच बहुत ज्यादा है, इसलिए वे नगरपालिका में जो रेगुलर कमीशन सिस्टम है, इससे संतुष्ट नहीं रहते है और अधिक ठेकेदार से हासिल करने के लिए इस तरह के फार्मूले आजमाते है। बताया जा रहा है कि उपयंत्री और सहायक यंत्री के कोर कटिंग में कथित फार्मूलों को लेकर सीएमओ को बकायदा लिखित में शिकायत हुई थी।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 10 जुलाई 2024