(बैतूल) भ्रष्टाचार के प्रमाण को लेकर हर स्तर पर शिकायत के बाद हाईकोर्ट में लगाई जाएगी याचिका , - नगर पालिका में कमीशनखोरी और ब्लेकमेलिंग के खेल की सच्चई जानकर आयुक्त भी हैरत में पड़ गए

बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । बैतूल नगरपालिका में जिस स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है और इसकी जिस तरह से पिछले एक माह से अलग-अलग तरह से पोल खुल रही है, उससे नगरपालिका में ठेकेदार बहुत खुश है। इनमें से कई ठेकेदार सत्तापक्ष से भी जुड़े हुए है और वे ठेकेदार पावरफुल जनप्रतिनिधियों को लेकर बता रहे है कि जो कुछ छप रहा है और जो पोल खुल रही है वह अक्षरश: सत्य है। जनप्रतिनिधि भी पूरे मामले में इसलिए खामोशी से तमाशा देख रहे है कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि नगरपालिका में इंजीनियर्स और अधिकारियों की कमीशनखोरी के साथ-साथ उनकी ब्लेकमेलिंग के तौर तरीकों पर भी सीधा प्रहार हो रहा है। ठेकेदारों का दावा है कि जिस तरह से नगरपालिका में भ्रष्टाचार का चेहरा बेनकाब किया जा रहा था, उसे देखते हुए सीएमओ को कोई जवाब ही नहीं सूझ रहा था, इसलिए वे पोल खोल अभियान को देखते हुए लंबी छुट्टी पर चल दिए है। वहीं इस पूरे मामले की गूंज आयुक्त नगरीय प्रशासन तक मय प्रमाण के हो चुकी है और बताया जा रहा है कि बैतूल नगरपालिका में हो रहे कर्मकांड का वृतांत सुनकर वे भी हैरत में है कि क्या ऐसा भी किसी निकाय में हो सकता है? जिस तरह से नपा में भ्रष्टाचार और ब्लेकमेलिंग के स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध है, उसके साथ लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू, मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री को शिकायत की जा रही है और इसके 15 दिन बाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।
- इन सवालों का जवाब कौन देगा..?
1 - बैतूल शहर में नगरपालिका के निर्माण कार्यो में कमीशनखोरी के कारण जो गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
2 - ठेकेदारों पर अलग-अलग तरह से दबाव बनाकर उन्हें जो मानसिक प्रताडऩा दी जा रही है और ब्लेकमेल किया जा रहा है, ऐसे में उनका संरक्षण कौन करेगा?
3 - बाहर से आए अधिकारी जिस तरह से स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सार्वजनिक रूप से मखौल उड़ाते है और यह बताते है कि जनप्रतिनिधि अज्ञानी है, इसका जिम्मेदार कौन है?
भ्रष्टाचार का जरिया 01 -
ईई चैकिंग के नाम पर 10 फीसददी रनिंग बिल में कटौती सिर्फ बैतूल नपा में इंजीनियर्स द्वारा शुरू की गई।
भ्रष्टाचार का जरिया 02 -
पहले मेजरमेंट कर रिकार्ड बुक में दर्ज किया जाता है, इसके बाद इंजीनियर्स निर्माण कार्य ठेकेदार से करवाते है।
भ्रष्टाचार का जरिया 03 - वर्तमान में बैतूल नगरपालिका में निर्माण कार्य में कमीशन का स्लैब 17 प्रतिशत से बढक़र 21 फीसदी पर पहुंच चुका है।
भ्रष्टाचार का जरिया 04 -
तीन ठेकेदारों के रनिंग बिल ऐसे भी सामने आए है, जिनमें 10 फीसदी ईइ्र्र चैकिंग के नहीं काटे गए और पूरा भुगतान किया।
भ्रष्टाचार का जरिया - 05 ऑडिटर ने भी कमीशन न मिलने की स्थिति में फाईल डेढ़ माह रोककर आपत्तियां दर्ज कर सीएमओ को भेज दी।
भ्रष्टाचार का जरिया 06 -
दो आउटसोर्सकर्मी स्टीमेट बनाने से लेकर मेजरमेंट करने, क्वालिटी टेस्टिंग और बिल बनाने में कमीशन वसूल रहे।
भ्रष्टाचार का जरिया 07 - ठेकेदार का भुगतान रोकने नोटशीट पर आपत्ति लिखी जाती है, 03 लाख रूपए लेने के बाद दूसरी नोटशीट एई लिख देते है।
भ्रष्टाचार का जरिया 08 - अकाउटेंट भी सीएमओ के नाम पर 01 लाख रूपए लेता है और 24 घंटे के अंदर ही नोटशीट बदलवाकर भुगतान कर देता है।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 12 जुलाई 2024