(लखनऊ) तपोभूमि गुरुकुल का ज्ञान दीक्षा समारोह सम्पन्न , - प्राकशास्त्री में व्याकरण, छंद, ज्योतिष, वेद एवं साहित्य का है समावेश , - दिल्ली से आए स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती ने लखनऊ में कहा , - विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह की भांति ज्ञान दीक्षा का प्रचलन होना जरूरी : राम महेश मिश्र
लखनऊ (हेडलाईन)/राम महेश मिश्र। राजधानी लखनऊ के बंथरा अंचल स्थित तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय का प्रथम ज्ञान दीक्षा समारोह आज वैदिक मंत्रोचार के बीच संपन्न हुआ। जगद्गुरु कृष्ण बोधाश्रम धर्मसंघ महाविद्यालय नई दिल्ली के संचालक जगदगुरु श्री स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती महाराज ज्ञान दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में 100 से अधिक ऋषिकुमारों तथा आचार्यों ने भागीदारी की। इस अवसर पर तपोभूमि गुरुकुल के संस्थापक श्री स्वामी देवेंद्र आनन्द सरस्वती विशेष रूप से मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती महाराज ने ऋषिकुमारों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन समूचे मानव जीवन का केंद्रबिंदु है। किशोरावस्था की इस अवधि में विद्यार्थियों में डाले गए संस्कार ही उन्हें महामानव बनाते हैं। उन्होंने ऋषि कुमारों को प्रथमा कक्षा, पूर्व मध्यमा, प्राक् शास्त्री शास्त्री तथा आचार्य के विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि प्राकशास्त्री में व्याकरण, छंद, ज्योतिष, वेद एवं साहित्य आदि का समावेश है।
तपोभूमि गुरुकुल के संरक्षक मंडल के सदस्य एवं भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने ऋषिकुमारों को ज्ञान दीक्षा का संकल्प कराया। जब "साथ-साथ हो रक्षण पालन साथ-साथ पुरुषार्थ करें, तेजस्वी हो ज्ञान हमारा नहीं परस्पर द्वेष करें" जैसे संकल्प आचार्य मिश्र ने विद्यार्थियों से कराए, तब गुरुकुल का समूचा सभागार जय हो-जय हो के साथ करतल ध्वनि से गूंज उठा। ज्ञान दीक्षा समारोह में शिक्षकों (आचार्यों) तथा विद्यार्थियों (ऋषिकुमारों) के सहगमन पर जोर देते हुए श्री मिश्र ने उन्हें स्वाध्याय, धर्माचरण, कौशल के अभ्यास तथा संसाधनों के विकास में प्रमाद न करने जैसे संकल्प घोषणापूर्वक कराए गए।
तपोभूमि वैदिक संस्कृत महाविद्यालय के विद्वान प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र के संचालन में संपन्न कार्यक्रम में श्री स्वामी देवेंद्र आनंद सरस्वती ने धर्मतंत्र की ओर से विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान किये। प्राचार्य डॉक्टर मिश्र ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा तपोभूमि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय को विधिवत मान्यता प्राप्त होने के उपरांत यह प्रथम ज्ञान दीक्षा समारोह है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास बरखेड़ी ने ज्ञान दीक्षा समारोह की इस अभिनव परंपरा के लिए महाविद्यालय परिवार को अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं
इस अवसर पर उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय बाजपेई 'भुल्लन' ने अतिथियों का अभिनंदन करने हुए कहा कि जीवन में बड़े सौभाग्य के पल होते हैं जब व्यक्ति को किसी गुरुकुल में आने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने ज्ञान दीक्षा समारोह जैसी नई अवधारणा के लिए तपोभूमि गुरुकुल के प्रबंध तंत्र का अभिनंदन किया।
ज्ञान दीक्षा समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पाण्डेय, आचार्य सानन्द प्रकाश मिश्र, आचार्य शंकर, आचार्य राहुल दीक्षित, आशीष मिश्र, गगन द्विवेदी, सूबेदार मेजर मनोज पाण्डेय, संतोष कुमार गुप्ता, सौरभ द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।
(लखनऊ से हेडलाईन के लिये श्री राम महेश जी मिश्र की रिपोर्ट)।