बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । कोर्ट परिसर और उसके आसपास सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिसकर्मियों की हलचल अधिवक्ताओं सहित कोर्ट आए मुवक्किल को भी चौंका रही थी। वैसे जो लोग पुलिसकर्मियों को पहचानते है, वे ही इस हलचल को देखकर कानाफूसी करते नजर आ रहे थे। जो लोग पूरी स्थितियों को जानते है, वे समझ गए थे कि वर्दी में एक चौकी प्रभारी सहित लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में क्यों एक्टिव मोड में नजर आ रहे है? वहां चल रही चर्चाओं के मुताबिक एक बहुचर्चित दुराचार कांड के आरोपी की मंगलवार को जमानत लगी थी और इस मामले में पीडि़ता आपत्ति दर्ज कराने आई थी।  पीडि़ता के आने के बाद ही पुलिस इस तरह से उसकी निगरानी करते नजर आई।
 कुछ लोगों का मानना है कि उसकी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस इस तरह से चौकस थी, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि उक्त मामले में जो कुछ हुआ है उसे देखते हुए पुलिस इस बात पर नजर रख रही थी कि कोई उक्त पीडि़ता से बातचीत या चर्चा कर वीडियो आदि न बना पाए। खैर जो भी हो लेकिन उस बहुचॢचत मामले में आरोपी की जमानत खारिज हो गई है। यह जो दुराचार का बहुचर्चित मामला है इसके कई , कोण है और इसमें पुलिस ने जिस तरह के स्टेप लिए है, उसकी वजह से मुलताई पुलिस पर ही गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। मामले के जानकारों ने बताया कि इसलिए पुलिस इतनी ज्यादा सतर्कता बरत रही है। वहीं दूसरी ओर विभागीय स्तर पर भी एएसपी इस मामले में जांच कर रही है। जांच में क्या हुआ और क्या नहीं हुआ यह अभी स्पष्ट सामने नहीं आया है, लेकिन इस मामले की वजह से मुलताई पुलिस तनाव की स्थिति में देखी जा रही है। वहीं दूराचार पीडि़ता सामाजिक स्तर पर जिन स्थितियों का सामना कर रही है, उसको लेकर भी कई तरह की बातें सामने आ रही है, जो कि जांच का विषय है। मामले को लेकर पीडि़ता ने जो कुछ वहां मौजूद कुछ अधिवक्ताओं से कहा उसके मुताबिक तो वह बहुत ज्यादा दिक्कत में है और कहीं न कहीं वह अंडरप्रेशर में भी है। 
चर्चा है कि इस बहुचर्चित मामले को लेकर पुलिस विभाग जिस तरह से सतर्कता बरत रहा है, उसे देखते हुए यह माना जा रहा है कि मामले में कहीं न कहीं पुलिस से कोई बड़ी चूक हो गई है और इस चूक को ही मैनेज करने के चक्कर में पुलिस इस तरह से पीडि़ता के आसपास सिविल ड्रेस में मूवमेंट करती हुई नजर आ रही थी। जिससे कि मामले को लेकर मीडिया में फिर से रिपोर्टिंग या हलचल शुरू न हो जाए। 

- इस तरह से समझे पूरे घटनाक्रम को...
1 - 1 जुलाई को एक दुराचार पीडि़ता मुलताई थाने में एफआईआर थाने कराने आती है, लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं होती। 
2 - 2 जुलाई को सुबह विभिन्न न्यूज चैनल में यह खबर ब्रेक होती है कि मुलताई पुलिस नाचने में इतनी व्यस्त रही कि उसने एक दुराचार पीडि़ता की एफआईआर नहीं लिखी। 
3 - 2 जुलाई को ही शाम को 4 बजे के दरमियान मुलताई पुलिस की एक महिला पुलिस अधिकारी बकायदा मीडिया को बयान देती है और इसके बाद दुराचार पीडि़ता और आरोपी के मध्य समझौता और शादी के फोटो और वीडियो वायरल होते है।
4 - 4 जुलाई को दुराचार पीडि़ता को पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी बुलाया जाता है। पीडि़ता के मुताबिक इसके बाद दुराचार पीडि़ता से पुलिस कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवाती है। 
5 - 6 जुलाई को एएसपी मुलताई पहुंचती है और देर शाम यह सामने आता है कि उक्त मामले में आरोपी के खिलाफ पुलिस ने दुराचार का प्रकरण दर्ज कर लिया है। 
6 - 16 जुलाई को आरोपी की जमानत कोर्ट में लगती है जो खारिज हो जाती है।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 17 जुलाई 2024