बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा ।  भारत भारती आवासीय विद्यालय जामठी में गुरूपूर्णिमा का पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया। इस अवसर पर समिति सदस्यों व विद्यार्थियों ने आचार्य-दीदियों को तिलक लगाकर अंगवस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की वन्दना के साथ किया गया । इस अवसर पर मञ्च पर अतिथियों में जनजाति शिक्षा के राष्ट्रीय सह संयोजक श्री बुधपाल सिंह ठाकुर, भारत भारती शिक्षा समिति के सचिव श्री मोहन नागर, प्राचार्य श्री जितेंद्र परसाई, प्रधानाचार्य श्री वैभव जोशी उपस्थित थे।
गुरुपूर्णिमा के महत्व पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए श्री मोहन नागर ने कहा कि आज के दिन को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। आज महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने पुराणों सहित महाभारत ग्रन्थ की रचना की । आज अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धावनत होने का दिन है । जब कोई शिष्य गुरु के दिए गए सिद्धान्तों पर चलकर जीवन में योग्यता प्राप्त करता है तो यही गुरु की सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा होती है । आज का दिन हमे हमारी सबसे प्राचीन गौरवशाली सनातन संस्कृति, गुरु शिष्य परम्परा और विश्व गुरुत्व का स्मरण कराता है ।
भारत में हजारों वर्षों से गुरू-शिष्य परम्परा रही है । उन्होंने कहा कि गुरु के द्वारा अपना सम्पूर्ण ज्ञान शिष्य को देना ही गुरु-शिष्य परम्परा है । गुरूकुलों में शिष्य को सम्पूर्ण जीवन से सम्बन्धित शिक्षा दी जाती थी। जिसका पालन करके शिष्य जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता था और सुखमय जीवन व्यतीत करता था और उसे मिले ज्ञान का वह समाज कार्य के लिये प्रसार करता था । शिक्षा का मूल उद्देश्य योग्य नागरिक का निर्माण करना है । हमारे गुरुकुलों में जीवन जीने की शिक्षा दी जाती थी ।
श्री नागर ने कहा कि पहले के समय में राजाज्ञा से बड़ा महत्व गुरु आज्ञा का होता था। भारतीय शिक्षा के बारे में उन्होंने बताया कि भारत में शिक्षा प्राप्त करने सम्पूर्ण विश्व से लोग आते थे। भारत में तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला जैसे समृद्ध शिक्षण केंद्रों में विज्ञान के साथ जीवन मूल्यों की व्यावहारिक शिक्षा दी जाती थी। अब शिक्षा के स्वरूप में समयानुसार परिवर्तन आया है। 
आज हम एक शिक्षा नीति को आत्मसात करने को तैयार हैं जिसमें व्यावहारिक, सैद्धान्तिक, रोजगार मूलक शिक्षा पर बल दिया गया है । इसे हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नाम से जानते हैं। इस शिक्षा नीति में शिक्षा के सभी आवश्यक पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। अध्ययन  के विभिन्न चरण तय किए गए है। आशा है हम इसका अनुसरण कर भारतीय शिक्षा को उसके शीर्ष स्तर तक पहुँचायेंगे और पुनः विश्व गुरुता की ओर बढ़ेंगे ।
कार्यक्रम का संचालन अजय भारती ने किया और आभार विद्यालय के छात्र राजकुमार यादव ने माना । कार्यक्रम में  समिति सदस्य, अभिभावक, आचार्य-दीदी और विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे ।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 21 जुलाई 2024