बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। प्रदेश सरकार ने तबादलों को लेकर अपनी रीति नीति जाहिर कर दी है और इसके साथ यह माना जा रहा है कि तबादलों का मानसून आ गया है और बस झमाझम होने का इंतजार है। इस झमाझम में जहां अंतर जिला तबादले होंगे , वहीं जिले के अंदर भी भारी तादाद में अलग-अलग विभागों में तबादले किए जाएंगे। आने वाले तबादलों को लेकर राजनीति के क्षेत्र में भी सत्ता से जुड़े जनप्रतिनिधियों और नेताओं में भी उत्सुकता और जिज्ञासा दिखाई दे रही है। स्थानान्तरण स्वैच्छिक और प्रशासनिक आधार पर होंगे। जो जैक जुगाड़ से तबादले होंगे वे स्वेच्छिक की श्रेणी में आएंगे और जो शिकवा शिकायत के आधार पर या अधिकारियों की मंशा से होंगे वे प्रशासनिक स्तर पर होंगे। 

- शिक्षा विभाग में भारी बारिश के आसार...
शिक्षा विभाग में अन्य जिले से जिले में आने के लिए भी अभी से जैक जुगाड़ लगाए जा रहे है। मंत्री से लेकर संत्री तक प्रयास किए जा रहे है। वहीं जिले के अंदर भी तबादलों को लेकर हलचल देखी जा रही है। दूरदराज के स्कूलों में पदस्थ शिक्षक ब्लॉक मुख्यालय या जिला मुख्यालय पर आने के लिए बेताब है।

- अजाक विभाग में रहेगा जोरदार मानसून...
आदिम जाति कल्याण विभाग में भी थोक बंद तबादले होते है और इन तबादलों को लेकर भी गंभीर सवाल उठते है। पिछली बार इस विभाग में ऑफलाईन फार्मेट पर तबादले हुए थे और कई तरह के आरोप भी लगे थे। इस विभाग में भी भारी तादाद में जिले के अंदर तबादले होते है।

- पुलिस विभाग में अच्छी बारिश के संकेत...
पुलिस विभाग में तो छूटमुट तबादले होते रहते है, लेकिन वर्तमान एसपी की पोस्टिंग के बाद जिले के अंदर बड़े तबादलों का इंतजार किया जा रहा है। वहीं प्रदेश स्तर की तबादला सूची का भी इंतजार है, जिसमें सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, एसडीओपी स्तर पर तबादला सूची का सभी इंतजार कर रहे है। 

- स्वास्थ्य विभाग में झमाझम होना तय...
स्वास्थ्य विभाग में भी जिले के अंदर भी बड़ी संख्या में तबादले होते है और इसके अलावा अन्य जिले से तबादला होकर आने के लिए या बैतूल से अन्य जिले में जाने के लिए भी भारी संख्या में नर्सिंग स्टॉफ आदि प्रयासरत रहता है, यहां जो पुराना ट्रेंड है उसमें भारी सेवाचाकरी की जरूरत पड़ती है।

- कुछ विभागों में कुछ लिपिक तो ट्रांसफर एक्सपर्ट के रूप में जाने जाते है...
हर विभाग में कुछ लिपिक होते है, जिनमें कुछ स्पेशल योग्यताएं होती है और इनकी इस योग्यता में साहब के साथ कर्मचारी का सेटअप बैठालने की योग्यता भी होती है और इस तरह के लिपिक ही तय करते है कि किस सेवाभाव के साथ तबादला हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग आदि में तो वर्षो से स्पेशल लिपिक चर्चा में है और वर्षो से इस भूमिका को सफलता के साथ निर्वहन करते आ रहे है।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 22 जुलाई 2024