बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । बैतूल नगरपालिका में भ्रष्टाचार, कमीशनबाजी और ब्लेकमेलिंग का खेल उजागर होने के बाद जिम्मेदार बौखला गए है और वे सच्चाई को झुठलाने के लिए मनगढंत तथ्य और कहानियां प्रस्तुत कर रहे है। ऐसा ही एक मामला चन्द्रशेखर वार्ड की सीसी रोड का है, जिसका भुगतान होना शेष है। इस सडक़ को लेकर नगरपालिका के इंजीनियर्स यह प्रोपेगंडा कर रहे है कि ठेकेदार बिना कोर कटिंग के ही भुगतान प्राप्त करना है और इसलिए दबाव बनाना रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि इस मामले में एक बार कोर कटिंग और जांच हो चुकी है, जिसे इन्हीं इंजीनियर्स द्वारा अमान्य कर दिया गया था। इस स्थिति में ठेकेदार ने दूसरी बार कोर कटिंग और जांच के लिए सीएमओ को अलग-अलग समय पर पत्र लिखे है। ठेकेदार द्वारा पत्र लिखे जाने के बावजूद इंजीनियर्स द्वारा कोर कटिंग और जांच नहीं करवाई गई। ऐसी स्थिति में 7 जून को ठेकेदार ने इंजीनियर विजय मछार पर एडवांस कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए सीएमओ को शिकायत की !  तब 25 जून को कलेक्टर और विधायक को ठेकेदार की मांग के अनुसार जांच के लिए पत्र लिखा? अब जब ठेकेदार बार-बार कोर कटिंग और जांच के लिए पत्र लिख रहा था, तब इंजीनियर्स अज्ञात लाभ के लालच में दोबारा कोर कटिंग और जांच नहीं करवा रहे थे। वहीं ठेकेदार का भुगतान भी इसलिए नहीं निकल पाया। ठेकेदार के पास इस बात के तमाम प्रमाण है कि उस पर जो दबाव बनाकर बिना कोर के भुगतान लेने का आरोप लग रहा है, वह सरासर झूठ है और सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत इसलिए लगाए जा रहे है कि नगरपालिका में कमीशनखोरी, ब्लेकमेलिंग और भ्रष्टाचार का जो नकाब उतर चुका है, उससे सबका ध्यान हटाया जा सके। 

- विधायक और कलेक्टर की मौजूदगी में कोर जांच की मांग कर चुका ठेकेदार...
ठेकेदार भारत कंस्ट्रक्शन ने 07 जून को जो पत्र सीएमओ को लिखा था, उसमें बताया था कि चन्द्रशेखर वार्ड की सीसी रोड का निर्माण इंजीनियर विजय मछार के मार्गदर्शन में हुआ है। निर्माण के बाद ठेकेदार ने भुगतान के लिए स्वयं कोर जाँच के लिए उपयंत्री विजय मछार से मांग की थी। इस पर 16 अप्रेल को कोर कराने के लिए उपयंत्री ने पत्र लिखा। यह पत्र लिखने के बाद उपयंत्री मछार ने कहा कि आप कोर कटिंग करा ले फिर कोर परीक्षण की रिपोर्ट फाईल में लगा देना, लेकिन भुगतान फाईल आगे बढ़ाने के पहले इंदिरा वार्ड की सडक़ का पुराना बकाया शेष कमीशन नहीं दिया है। इसलिए इस सडक़ का एडवांस कमीशन दे दो तो बिल बढ़ा देता हूं। इसके बाद ठेकेदार ने कहा कि जिस प्रकार कमीशन की राशि बढक़र 19 फीसदी हो गई है और साथ ही 10 फीसदी ईई चैकिंग के नाम पर काटा जा रहा है, इसलिए वह कमीशन नहीं दे पाएगा। कमीशन न देने पर उपयंत्री ने 26 अप्रैल 2024 से भुगतान की फाईल दबाकर रख ली। इस स्थिति में 2 मई 2024 को ठेकेदार ने भुगतान के लिए पत्र लिखा और दोबारा कोर कराने के लिए कहा और यहां तक कहा कि दोबारा कोर जांच में जो भी खर्च आएगा वह उठाने के लिए तैयार है। इसके बावजूद भी कोर नहीं करवाया गया। ऐसी स्थिति में 7 जून को सीएमओ को कमीशन के संबंध में लिखित शिकायत की और कहा कि विधायक और कलेक्टर की मौजूदगी में जांच कराएं, क्योंकि वह कमीशन नहीं दे पाएगा। ठेकेदार ने स्पष्ट कहा कि वह जांच के लिए तैयार है। अब जब एई और सब इंजीनियर ही जांच चाहते होते तो अब तक जांच होकर रिपोर्ट आ चुकी होती, लेकिन उनकी मंशा ही नहीं है। 

- ठेकेदार की मांग पर सीएमओ भी कलेक्टर और विधायक को दो बार लिख चुके पत्र...
ठेकेदार ने 7 जून को जो कलेक्टर और विधायक की मौजूदगी में कोर कटिंग और जांच की मांग की थी, उसके आधार पर सीएमओ ने भी कलेक्टर और विधायक को 25 जून और 22 जुलाई को पत्र लिखे है, लेकिन उन्होंने ठेकेदार द्वारा लगाए गए कमीशन के आरोप की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाया और ना ही इंजीनियर्स को नोटिस दिया।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 23 जुलाई 2024