शाहपुर(हेडलाईन)/अंकुश मिश्रा ।  बस में इटारसी निवासी एक महिला एवं शाहपुर निवासी एक शिक्षिका के मध्य किसी बात को लेकर वाद विवाद होता है और मामला इतना बढ़ जाता है कि दोनों पक्ष थाने जाते हैं जिसमें पुलिस काउंटर केस बनाती है, मामले में ट्वीस्ट तब आता है कि जब शाहपुर निवासी शिक्षिका यह आरोप लगाती है कि उसके साथ पुन: मारपीट हुई है और आरोप में वह यह भी कहती है कि पुलिस पक्षपात कर रही है, तथा इटारसी वाली महिला के प्रभाव  में कार्रवाई नहीं कर रही है।  इटारसी वाली महिला पर धर्म विशेष की किताबें जबरन देने के आरोप लगने से स्थानीय राजनीति सक्रिय हो जाती है, जिसमें भाजपा और आरएसएस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाने पहुंच जाते है, मामला तूल पकड़ता है और इतना तूल पकड़ता है कि स्थानीय विधायक स्वयं थाने पहुंच जाती है।  विधायक द्वारा जिस तरह के आरोप लगाए गए, उसके बाद यह साफ हो गए कि वे पुलिस वर्किंग को लेकर किसी स्तर पर संतुष्ट नहीं है और उनके अंदर पुलिस की वर्किंग को लेकर गहरी नाराजगी है। वे अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर करती है।  जानकारों का कहना है कि पूरे मामले में यदि एएसपी कमला जोशी शाहपुर थाने पहुंचकर मामले को संभालती नहीं तो यह विवाद और बढ़ता और इसमें विधायक का कोप जिस स्तर पर पहुंच चुका था उसे देखते हुए माना जा रहा था कि वे सीएम हाउस तक दस्तक जरूर देती। खैर विधायक की नाराजगी को फौरी तौर पर एएसपी ने जैसे तैसे संभाल लिया, लेकिन आने वाले कल में आक्रमक राजनीति करने वाली विधायक गंगा बाई का गुस्सा पुलिस के अधिकारियों को भारी पड़ सकता है?

- एएसपी के सामने ही इस तरह से खुलकर विधायक ने दिखाया गुस्सा...


घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा बाई उईके जो शुक्रवार रात को स्वयं थाने पहुंची थी। उन्होंने पूरे मामले में पुलिस के तौर तरीकों को लेकर एएसपी कमला जोशी के सामने ही खुली नाराजगी जाहिर की और उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि इतना ही मामला है, अपने भाई को राखी बांधने की तैयारी करने लगी। फिर हमको नहीं पता कि अचानक बार-बार फोन आने लगे कि मामला बढ़ गया है। वहां से जो मारपीट हुई उससे मामला बढ़ा। यह नहीं होना चाहिए था। एटीएम से पैसे निकालने गई तो उसे पैसे निकालकर जाने देना था। तो मुझे भी नहीं आना पड़ता। उस महिला पर तो कार्रवाई होनी चाहिए, उसने उसे डबल से क्यों मारा क्यों हाथ लगाया। उसने जो धर्म ग्रंथ दिए है, पुस्तकें दी है यह नहीं देना था। उसने नहीं लिया तो आपने मारपीट की और इसके बाद कार्यकर्ता आए और आरएसएस को आना पड़ा।

- पुलिस प्रशासन के रवैये को लेकर बोली विधायक...                                                 


यह सब चीजें हो जाती है स्टॉफ के द्वारा, हमको यहां नहीं आना पड़ता। स्टॉफ कहीं न कहीं हमारे कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा नहीं करता। पुलिस के द्वारा सूचना पहुंचनी थी टीआई के द्वारा सूचना पहुंचनी थी, लेकिन इन्होंने कभी जरूरी नहीं समझा कि विधायक जी को बताए? कार्यकर्ताओं के माध्यम से पता चलता है। पुलिस विभाग के लिए यह मेरा निर्देश है।

- दो पक्षों पर एफआईआर को लेकर यह भी बोली...                                           


इस विषय में सबसे पहले तो पूजा जी को डबल से मारा गया तो उस पर धाराएं लगना चाहिए। धर्म के विरूद्ध उसने कार्य किया तो उस पर धाराएं लगना चाहिए।

- एसआई द्वारा कार्यकर्ता को डंडा लेकर खदेडऩे पर ...                                        


चूंकि यहां पर आरएसएस के कार्यकर्ता है, बहुत समझदार लोग है और उनसे सिम्पली भी बात करते तो मान जाते और अच्छे से संवाद भी कर सकते थे। शायद मेडम नई आई होगी क्षेत्र का ज्ञान नहीं होगा। तो एक बार बात कर लेते। उस एसआई पर कार्रवाई होगी...?
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 25 अगस्त 2024