(बैतूल) बीजासनी माता मंदिर में प्रत्येक ज्योत के बोए जाते हैं जवारे, - मां का स्वरूप मानकर पूजन अर्चन किया जाता है इन ज्वारों का
- बीजासनी मंदिर में 400 से अधिक अखंड ज्योत होंगी प्रज्ज्वलित ,
- बीजासनी मंदिर में शारदीय नवरात्र पर्व की तैयारियां जोरों पर,
- शुद्ध घी की भी अखंड ज्योत जलवाते हैं श्रद्धालु,
- ज्योत के प्रकाश से दूर होते हैं कष्ट व जीवन का अंधकार
मां की नियम पवित्रता व भक्ति से आराधना से पूरी होती हैं मनोकामना
बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। बैतूल गंज स्थित बीजासनी माता मंदिर शारदीय नवरात्रि पर्व के दौरान, नियम पवित्रता एवं भक्ति से ज्योत तथा माता स्वरूप ज्वारों की आराधना के लिए जिले में ही नहीं अपितु देश के कई स्थानों तथा विदेश में बसे श्रद्धालुओं में अपनी पहचान रखता है। आगामी 3 अक्तूबर गुरुवार से नवरात्र पर्व प्रारंभ हो रहा है। मंदिर समिति के सभी सदस्य सेवाभाव के साथ पूरे जोरशोर व मनोयोग से तैयारियों में जुट गए हैं, पूरे मंदिर की साफ सफाई, रंग रोगन, साज सज्जा, लाइटिंग के साथ ही मंदिर में विराजित प्रत्येक देवी देवता के लिए नववस्त्र, चुनरी, मुकुट, आभूषण आदि तैयारियां जोरों पर हैं। 400 से अधिक अखंड ज्योत के लिए कलश एवं ज्वारों की तैयारियां भी पूर्णता की ओर अग्रसर हैं। मंदिर में नवरात्र पर होने वाला दुर्गा सप्तशती का हवन अपने आप में विशेष महत्व रखता है तथा इसकी मुख्य विशेषता यह है की जो श्रद्धालु यहां अखंड ज्योत प्रज्वलित करते हैं, उन्हें इस हवन का प्रत्यक्ष प्रमाण कई वर्षों से देखने को मिल रहा है, उनके बिगड़े काम बनते हुए एवं मनोकामनाएं पूर्ण होती हुई दिखती हैं। आस्था एवं भक्ति का सबसे बड़ा प्रमाण तब देखने को मिलता है जब हवन के उपरांत मां को हवन कुंड में ही श्रंगार अर्पण किया जाता है, जिसे वह साक्षात रूप से ग्रहण करती है। नवमी के दिन कन्या पूजन व भोज के साथ ही विशाल भंडारा प्रारंभ होता है जिसमें 5 हजार से भी अधिक श्रद्धालु बैठकर भोजन प्रसादी ग्रहण करते हैं तथा अपना उपवास छोड़ते हैं। मंदिर समिति सभी धर्मप्रेमियों से इस नवरात्र उत्सव में शामिल होकर पुण्यलाभ लेने की अपील करती है। जो श्रद्धालु अपनी अखंड ज्योत प्रज्वलित करवाना चाहते हैं वे मंदिर जाकर पुजारी से संपर्क कर सकते हैं। ज्योत प्रज्जवलन व पूजन 3 अक्टूबर दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर में होगा जिसमे मंदिर समिति की ओर से सभी सादर आमंत्रित हैं।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 27 सितम्बर 2024