(बैतूल) पीएस, श्रम आयुक्त और कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी ओम सांई विजन की शोषण नीति में मौन नपा के अधिकारी , - जनसुनवाई में ठेका श्रमिकों ने सबूत के साथ सुनाई शोषण की दास्तान
बैतूल (हेडलाईन) / नवल वर्मा। बैतूल नगरपालिका में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाली ठेका कंपनी ओम सांई विजन के श्रमिकों ने मंगलवार जनसुनवाई में एक आवेदन कलेक्टर को दिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष से वे ओम सांई विजन के तहत अपनी सेवाएं दे रहे है, लेकिन सेवा शर्तो के अनुरूप ना तो उन्हें वेतनमान दिया जा रहा है और ना ही उनका ईपीएफ और ईएसआई जमा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह सब आर्थिक सुविधाएं देने के लिए मध्यप्रदेश शासन के पीएस सचिन सिन्हा ने 10 दिसम्बर 2022 को, श्रम आयुक्त डॉ विरेन्द्र सिंह रावत ने 20 दिसम्बर 2022 को और कलेक्टर बैतूल ने 27 दिसम्बर 2022 को स्पष्ट आदेश दिया था कि ठेका श्रमिक या आउटसोर्स को लेकर ठेका लेने वाली कंपनियों द्वारा श्रमिकों के ईपीएफ और ईएसआई आदि जमा नहीं किए जाते है? इस मामले में संबंधित विभाग प्रमुख ध्यान दे और श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा करें? यह सब होने के बावजूद भी बैतूल नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस संबंध में कभी भी ओम सांई विजन को हर माह होने वाले भुगतान के पहले कलेक्टर , श्रम आयुक्त और प्रमुख सचिव के आदेश को लेकर पालन प्रतिवेदन नहीं लिया गया। आश्चर्यजनक बात यह है कि ऑडिटर ने भी उक्त तीनों जिम्मेदार अधिकारियों के आदेश की अवहेलना को लेकर किसी भी तरह से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई और भुगतान रोकने के लिए नहीं कहा! ओम सांई विजन के इन ठेका श्रमिकों ने जनसुनवाई में यह भी बताया कि उन्होंने बैतूल नगरपालिका के सीएमओ को 12 सितम्बर 2023 को आवेदन दिया था, लेकिन फिर भी उनके साथ न्याय नहीं किया गया? कर्मचारियों के पास बैतूल नगरपालिका परिषद का संकल्प पत्र भी है, जिसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए ठेका कंपनी वाहन चालक, हेल्पर को कब कितना वेतन देगी। इसमें 2019 में वाहन चालक को 9 हजार 778 रूपए और हेल्पर को भी 9 हजार 778 रूपए, आईईएसी मेम्बर को भी 9 हजार 778 रूपए प्रतिमाह, वहीं 2022 में वाहन चालक को 12 हजार 417, हेल्पर को 10 हजार 142 और आईईसी मेम्बर को 11 हजार 130 रूपए लिखा हुआ है। इसमें कुशल, अकुशल और अर्द्धकुशल के साथ ईपीएफ और ईएसआईसी भी शामिल है। यह सब होने के बावजूद बैतूल नपा के सहायक लेखापाल यह कहते है कि उन्हें पता ही नहीं है कि ईपीएफ जमा किया जा रहा है या नहीं! इससे उनकी कार्यकुशलता और कर्तव्य के प्रति सजगता पर प्रश्रचिन्ह लगते है? मामले को लेकर पुन: उनसे बात करने मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया, वहीं सीएमओ को फोन लगाया गया तो उन्होंने कहा कि वे किसी बैठक में है, फुर्सत होकर बात करेंगे। पूरा मामला बताता है कि नपा के अधिकारी ही शोषण के जिम्मेदार हैं !
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 09 अक्टूबर 2024