बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। इन दिनों शहर के ठेकेदारों में इस बात की भारी चर्चा है कि पीएचई के नए ईई मनोज बघेल की बैतूल में ज्वाईनिंग क्या कोई शक्ति प्रदर्शन था? दरअसल यह चर्चा इसलिए हो रही है कि बतौर ईई बैतूल में चार्ज लेने आए मनोज बघेल के चार्ज के दौरान पीएचई कार्यालय में छिंदवाड़ा वालों का मेला लग गया था। बताते है कि पीएचई कैम्पस और उसके आसपास गाडिय़ा खड़े करने के लिए जगह तक नहीं बची थी। छिंदवाड़ा से इतने लोग क्यों आए यह सवाल सबके मन में खटक रहा है। कुछ ठेकेदारों को लगता है कि अब नए ईई साहब बैतूल में छिंदवाड़ा के ठेकेदारों की एंट्री करवाएंगे और उनसे काम करवाएंगे। यह बात लोकल ठेकेदारों में खलबली मचा रही है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि यदि ऐसा हुआ तो उनका क्या होगा। क्योंकि तमाम लोकल ठेकेदारों को पता है कि बैतूल में स्थानीय स्तर पर उन्हें कोई राजनैतिक संरक्षण ही नहीं मिलता है। खैर जो नए ईई आए है इनको लेकर यह जानकारी भी सामने आ रही है कि बैतूल पोस्टिंग के एक माह पहले वे छिंदवाड़ा में पदस्थ थे और वहां से सस्पेंड हुए है। वे सस्पेंड ही भ्रष्टाचार के कारणों से हुए है। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी उन्हें बैतूल जिले में पोस्टिंग दिया जाना ही कई सवालों को जन्म दे रहा है। उनके पहले जो ईई बैतूल में तैनात थे। उनकी वर्किग और कार्यप्रणाली को लेकर कई तरह के सवाल है और आरोप तो यह लगते है कि बैतूल में जल जीवन मिशन की योजनाओं का भट्टा ही इनकी कार्यप्रणाली के कारण बैठा है। इनके कार्यकाल में जिस रिटायर्ड एसडीओ लालवानी की तुती बोल रही थी, क्या अब नए ईई के आने के बाद यह परम्परा आगे भी रहेगी या नहीं? इस तरह के सवाल भी ठेकेदारों के मन में है। वहीं ठेकेदारों की चर्चा से यह भी सामने आया है कि बैतूल में जो जनप्रतिनिधि ईई सेकवार को हटवाने के लिए प्रयासरत थे। वे जिस एसडीओ को ईई का चार्ज दिलवाना चाहते थे, उसे वह चार्ज ही नहीं मिला। वहीं एसडीओ के मूल पद वाले और भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित हुए मनोज बघेल को बैतूल में ईई का चार्ज दिया गया। खैर जो भी हो पर जिस तरह से लाव लश्कर छिंदवाड़ा से आया था, वह बताता है कि बघेल साहब का रूतबा क्या है?

नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 18 अक्टूबर 2024