बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। जिले के आठनेर तहसील स्थित श्री महावीर देवस्थान हिवरा में चल रहे विवाद ने अब गंभीर रूप ले लिया है। देवस्थान के प्राचीन मंदिर परिसर में किए जा रहे कार्यों पर रोक लगाने की मांग करते हुए आवेदक गोलू उघड़े पिता रामाजी उघड़े निवासी गौठाना रानीपुर रोड बैतूल, पवन मालवी पिता रमेश मालवी निवासी हमलापुर, विकास घोडकी पिता रघुनाथ घोडकी निवासी बडोरा ने कलेक्टर के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया है।
आवेदन में आरोप लगाया गया है कि तरूण साकरे पिता श्रीपथराव साकरे निवासी आठनेर और गोवर्धन राने पिता मारूतीराव राने निवासी हिवरा सहित अन्य अनावेदकगण मंदिर परिसर में प्राचीन बावली और अन्य संरचनाओं को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं। यह कार्य तब हो रहा है जब यह मामला जबलपुर उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. 30806/2023 के तहत विचाराधीन है।
आवेदकों का कहना है कि उच्च न्यायालय में पीटिशन लंबित होने के बावजूद, अनावेदकगण द्वारा मंदिर परिसर में जल संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही, मंदिर परिसर में अवैध निर्माण कार्य जारी है, जिससे देवस्थान की प्राचीन धरोहरों पर संकट मंडरा रहा है।
उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन
आवेदकों ने यह भी बताया कि श्री महावीर देवस्थान हिवरा से जुड़े इस मामले में 05 मार्च 2024 को अनुविभागीय अधिकारी भैंसदेही, तहसीलदार आठनेर और अन्य अधिकारियों ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें इस मंदिर परिसर में शिवमंदिर, भवानी मंदिर, दुर्गामंदिर, और एक सामुदायिक मंच का उल्लेख किया गया था। इसके बावजूद, अनावेदकगण इन संरचनाओं को छिन्न-भिन्न करने पर उतारू हैं।
प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा की मांग
आवेदकों का कहना है कि श्री महावीर देवस्थान की प्राचीन बावली, जो जल संरचना के रूप में महत्वपूर्ण है, इसे पूरी तरह से बंद कर वहां सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। पंचायत और कुछ नेताओं द्वारा इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन और न्यायालय की रोक के बावजूद, अनावेदकगण मंदिर परिसर में अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे प्राचीन धरोहरों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं हिंदू समाज के धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है।
राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप
आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस मामले में राजनीतिक दलों के नेता और स्थानीय हिंदूवादी संगठन भी मौन हैं। श्री महावीर देवस्थान की भूमि पर गलत तरीके से किए गए कार्यों और दस्तावेजों में हेराफेरी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। आवेदकों का आरोप है कि इस मामले को लेकर प्रशासन का रवैया उदासीन है, जबकि मंदिर से जुड़ी प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
कलेक्टर से न्याय की अपील
आवेदकों ने कलेक्टर महोदय से अनुरोध किया है कि जब तक न्यायालय में यह मामला लंबित है और जांच पूरी नहीं होती, तब तक मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का निर्माण या परिवर्तन रोका जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि देवस्थान की प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि हिंदू समाज की धार्मिक आस्थाओं और धरोहरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 19 अक्टूबर 2024