बैतूल (हेडलाईन)/नवल वर्मा। अतिक्रमण हटाने के मामले में जो स्थिति स्थानीय प्रशासन की रहती है। वहीं स्थिति केन्द्र सरकार के एनएचआई जैसे डिपार्टमेंट की है। बैतूल में एनएच-47 पर अतिक्रमण कर लिया गया है और इसको लेकर बैतूल एसडीएम लगातार एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से पत्राचार कर रहे है, लेकिन वे कुंभकरणीय नींद में है और एक्शन लेने को तैयार नहीं है। बताया गया कि 2 अगस्त 2024 को एसडीएम बैतूल ने पत्र लिखा था कि दनोरा के निवासियों द्वारा एनएचआई की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, जहां मकान, दुकान, मंदिर, रोड के किनारे के बनाकर किराए पर चलाए जा रहे है। इससे बड़ा हादसे होने का हमेशा खतरा बना रहता है। बैतूल विधायक द्वारा इस संबंध में प्रशासन को अवगत कराया गया था और यह अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद मौके पर जाकर जांच किए जाने पर अतिक्रमण पाया गया। जिसमें एनएचआई को अतिक्रमण हटाकर एसडीएम कार्यालय को अवगत कराना है।  इस पत्र के बाद 9 अक्टूबर 2024 को रिमांईडर भेजा गया। जिसमें यह भी बताया गया कि अतिक्रमण हटाकर अवगत कराए और 2 अगस्त के पत्र का भी उल्लेख किया गया। इसके बावजूद एनएचआई के अधिकारी इस अतिक्रमण को हटाने को लेकर जरा भी क्रियाशील नजर नहीं आ रहे है। यह स्थिति बताती है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर सिस्टम किस तरह से काम करता है। जबकि एसीएस अजीत केसरी की 5 अक्टूबर को हुई बैठक में भी यह मामला उठा था और बताया था कि फोरलेन के तितली चौराहे का अतिक्रमण हटाया जाए। इसके बावजूद इस अतिक्रमण को लेकर जिम्मेदार एनएचएआई अपना रूख साफ नहीं कर रही है।
शहर के अंदर भी अतिक्रमण सुबह हटता है और शाम को यथावत आ जाता है
अतिक्रमण के मामले में जो भी कार्रवाई होती है, वह चंद घंटो के लिए होती है। इसका उदाहरण जेएच कॉलेज रोड है। वर्तमान कलेक्टर के रहते में ही इस रोड पर तीन बार अतिक्रमण हटाया जा चुका है, लेकिन तमाम अतिक्रमण यथावत है। अभी हाल ही में 5 अक्टूबर को एसीएस के आदेश पर 6 अक्टूबर को अतिक्रमण हटाया, लेकिन वर्तमान में वह अतिक्रमण वापस आ गया है। इसी तरह कारगिल चौक सहित अन्य अतिक्रमण की हालत देखी जा सकती है।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 24 अक्टूबर 2024