बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ के अंतर्गत जो सडक़ें बनती है, उनमें कई स्तर पर एडजस्टमेंट होता है और इस वजह से ठेकेदार और अधिकारियों को तो फायदा होता है, लेकिन सडक़ का सत्यानाश हो जाता है। ऐसा ही कुछ आठनेर ब्लॉक में बिसनूर से रजापुर के मध्य बनी 15 किलोमीटर बनी सडक़ में देखने में आ रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ के पैकेज क्रमांक एमपी 03यूपीजी031 के अंतर्गत इस सडक़ का निर्माण हुआ था। 
करोड़ों रूपए लागत से बनी इस सडक़ की वर्तमान स्थिति यह है कि इसमें जगह-जगह गढ्डे हो चुके है और ठेकेदार द्वारा नियम अनुसार मेंटनेंस नहीं किया गया। आरोप तो यह लग रहे है कि ठेकेदार को सडक़ निर्माण के लिए जिम्मेदार सहायक प्रबंधक ने मेंटनेंस का भुगतान भी किया है। अब ऐसे में सवाल यह है कि बिना मेंटनेंस के भुगतान होने पर  क्या कंसलटेंट या अन्य मॉनीटरिंग सिस्टम ने कोई आपत्ति नहीं ली। वहीं दूसरी और इस 15 किलोमीटर सडक़ में जो साईड शोल्डर होते है वे काली मिट्टी से बना दिए गए जो बारिश में किचड़ और फिसलन का कारण बने जिससे दुर्घटनाएं हुई और अनेक जगह से शोल्डर ही नदारद हो गए है और कुछ जगह तो शोल्डर की जगह पर बड़े-बड़े गढ्डे है, जिससे दुर्घटनाएं हो रही है। पूरे मामले को लेकर पट्टन जनपद की संचार एवं संकर्म एवं निर्माण समिति के सभापति प्रफुल्ल ठाकरे ने बकायदा लिखित में इसकी शिकायत भी की है। वहीं उनका कहना है कि यह सब भ्रष्टाचार का नतीजा है। उनका आरोप है कि सहायक प्रबंधक एससी बनावल और ठेकेदार ने मिलकर पैसे का दुरूपयोग किया है। इस मामले में उन्होंने महाप्रबंधक और कलेक्टर को बकायदा लिखित शिकायत की है। मामले को लेकर महाप्रबंधक आरके जैन से जब बात की गई तो उनका कहना था कि अभी मैं वीसी में मौजूद है, इसलिए इस संबंध में बार में चर्चा कर पाउंगा।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 29 अक्टूबर 2024