बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। पश्चिम वन मंडल में विगत लगभग तीन वर्ष से भर्राशाही का आलम ऐसा है कि अपनों ने अपने को ही भरपूर वित्तपोषित करने में मशगूल हैं । अब तो लोग भी कहने से भी नहीं चूक रहे कि भैय्या राम की चिड़िया, राम  का  खेत ... खाओ री चिड़िया, भर  भर  पेट  ... और वहीं बताया गया कि डीएफओ पश्चिम वनमंडल के अंतर्गत आने वाली दो रेंज मोहदा और गवासेन मे भवन मेंटेनेन्स के बजट मे भी काफी बड़ा गोलमाल किया गया है ! आलम यह है भोपाल से मोहदा और गवासेन के लिए 50 लाख एवं 70 लाख का बजट लाया गया। लेकिन इन बड़ी राशि मे हुए कार्यो की जांच की मांग की जा रही है? क्योंकि इस बजट मे बड़े झोल और फर्जी बिल वाउचर बनाने की चर्चा जोरों पर है बताया जाता है कि बड़े अधिकारी ने अपने चहेते रेंजर और वन रक्षको से सांठ-गांठ कर मेंटेनेन्स राशि मे फर्जी बिल वाउचर लगभग 70 प्रतिशत तक बनाए है !जबकि इस बड़ी राशि से किये गये मेंटेनेन्स की अगर जांच हो तो स्थिति स्पस्ट हो सकती है ? बताया गया कि गवासेन रेंज मे तो 70 लाख के बजट मे फर्जी तरिके से अपने चहेते वन रक्षको व रेंजर के द्वारा फर्जी बिल वाउचर बनाकर गोलमाल कर दिया गया है वही मोहदा मे भी यही स्थिति रही?  इधर वन रक्षक मुख्यालय पर न रहकर मोहदा मे रहते है जिससे जंगलो मे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया , जहा जंगलो मे अतिक्रमण हो रहा उस अतिक्रमण को रोकने की बजाए रेंजर और वन रक्षक भवन मेंटेनेन्स के फर्जी वाउचर बनाने मे मशगूल रहे !

- अपने चहेते रेंजरों और वन रक्षकों को दी जिम्मेदारी...

बताया गया की पश्चिम वनमंडल डीएफओ वरुण यादव द्वारा मेंटेन्स राशि का जो बजट लाया गया उसे पार लगाने अपने चहेते रेंजरों और वन रक्षकों को बाकायदा जिम्मेदारी दी गई। जिन्होंने फर्जी मिस्त्री और मजदूरों के नाम मजदूरी राशि के वाउचर बनाकर उनके चहेते रेंजरो और वन रक्षको ने भुगतान और आहरण भी किया? जबकि जिस हिसाब से मेंटेनेन्स के लिए इतनी बड़ी राशि का बजट डीएफओ द्वारा बुलाया गया उसे देखते हुए इस राशि के समस्त निर्माण या मेंटेनेन्स के कार्यो की जांच नितांत आवश्यक है।

- इनका कहना...


पूरे मामले में सूक्ष्मता से जांच करवाकर उसके उपरांत नियमानुसार सुनिश्चित रूप से कार्रवाई की जावेगी।

- वासु कनौजिया, सीसीएफ बैतूल।