(बैतूल) गुमशुदा सीआरएम और बर्बाद डब्ल्यूएमएम छिपाने जल्दबाजी में बीएम और बीसी कर रहा है ठेकेदार..! , - राष्ट्रीय दिव्य दुनिया में लगातार छप रही खबरों के बाद बैतूल-मलकापुर बीटी रोड निर्माण में लगे पंख..?
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल-मलकापुर बीटी सडक़ निर्माण की रफ्तार पिछले एक सप्ताह में इतनी तेज हो गई है कि मानो उसे पंख लग गए हो। यह रफ्तार तब बड़ी जब राष्ट्रीय दिव्य दुनिया ने इस सडक़ निर्माण में हो रही तकनीकी खामियों और स्टीमेट के अनुसार निर्माण न होने को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने ही बताया कि इस 6 किलोमीटर मार्ग में पिछले 6 महीने में जितना काम नहीं हुआ था, उतना काम पिछले 6 दिनों में हो गया है। दरअसल मसला यह है कि सडक़ निर्माण में सीआरएम किया ही नहीं गया है और डब्ल्यूएम जिस तरह से किया गया वह मापदंड के अनुरूप नजर नहीं आ रहा है। इन दो मसलों को लेकर लगातार स्थिति सामने लाने पर ठेकेदार ने सीआरएम और डब्ल्यूएमएम की असलियत छिपाने के लिए तेजी से बीएम और बीसी करना शुरू कर दिया है। वैसे जिस तरह से सडक़ का निर्माण हो रहा है उसको लेकर सडक़ का भविष्य उज्जवल नजर नहीं आ रहा है। जिस तरह से यह सडक़ बन रही है, उसे देखते हुए इसी ठेकेदार द्वारा इसी पैकेज की जो अन्य सडक़ बनाई गई है, उसकी गुणवत्ता पर भी अपने आप सवाल खड़ा हो रहा है। पूरे मामले में कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी और बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने आश्वसत किया था कि उक्त सडक़ निर्माण में गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया था और जिम्मेदार नोडल पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को सतत् मॉनीटरिंग, जांच और गुणवत्ता सुधार के लिए निर्देश देंगे।
जैसे ही सडक़ निर्माण से जुड़े तथ्य सामने आने लगे तो ठेकेदार ने जल्दबाजी में डब्ल्यूएमएम पर सिंगल कोट इमलशन डालने के बाद बीएम करना शुरू कर दिया। जहां बीएम हो गया था, वहां पर तत्काल बीसी किया। वजह यह है कि जो बीएम किया गया था, उसमें रोलिंग के बाद भी गिट्टी वाहनों के आने-जाने पर निकलने लगी थी, जिससे साफ नजर आ रहा था कि ठेकेदार ने बीएम में डामर की निर्धारित मात्रा मिलाने पर में कहीं न कहीं कंजूसी की है और इसलिए बीएम भी स्टीमेट के अनुसार नजर नहीं आ रहा है।
वहीं जो बीसी की गई है उसकी लेअर में भी डामर सही मात्रा में नजर नहीं आ रहा है। यह सब तथ्य तब प्रमाणित हो सकते है जब कलेक्टर इस सडक़ में कोर कटिंग करवाने के बाद इसकी जांच एनएचएआई के लैब में वैसे ही करवाएं जैसे बैतूल शहर की सडक़ों के मामलों के कोर कटिंग करवाकर हरदा की लैब में जांच के लिए सेम्पल भेजे गए थे।
खैर जो भी हो लेकिन ठेकेदार ने जिस तरह अचानक ही सडक़ बनाने की रफ्तार बढ़ा दी है, उसे देखते हुए जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारियों को अब सीधे संज्ञान लेते हुए निर्माण स्थल पर पूरे समय के लिए पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त किसी अन्य विभाग का इंजीनियर तैनात करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो गुमशुदा सीआरएम और बर्बाद डब्ल्यूएमएम हमेशा के लिए बीएम और बीसी के नीचे ही दफन होकर रह जाएगा और सडक़ आने वाली बारिश को नहीं झेल पाएगी और टूटने लगेगी।
@साभार राष्ट्रीय दिव्य दुनिया...
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 नवंबर 2024