बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।जिन नगरीय निकायों में धारणाधिकार के पट्टे छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की जमीन में उलझे है, उसके लिए वन संरक्षण कानून के नियमों से ज्यादा नगरीय निकायों के अधिकारी जिम्मेदार है, जिन्होंने वन अधिकार कानून के नियम के अनुसार अपने नगरीय निकाय में वन अधिकार समिति का गठन ही नहीं किया है, जबकि इस संबंध में सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग बैतूल ने 21 जुलाई 2023 को बकायदा एक पत्र नगरीय निकाय  के जिम्मेदारों को जारी किया था। उन्होंने भी यह पत्र मानसून सत्र में मंडला जिले के तात्कालिन विधायक अशोक मर्सकोले के तारांकित प्रश्र क्रमांक 203 के सामने आने के बाद जारी किया था। उक्त पत्र में बताया गया था कि नगरीय क्षेत्रों में त्रिस्तरीय समितियों का गठन कर नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार में दावे प्राप्त करने एवं भारत सरकार के निर्देश के अनुसार दावे की मान्यता की कार्रवाई के निर्देश उपलब्ध कराए गए थे, जिसमें नगरीय क्षेत्रों में वनाधिकार समितियों का गठन कर यथा शीघ्र कार्रवाई करने एवं गठित समितियों की सूची अनुविभाग स्तर से उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया था, परंतु वर्तमान में मोहल्ला समिति का गठन कर कार्यालय को सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है, साथ ही उपखंड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति के गठन के लिए तीन-तीन नामों की सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

सहायक आयुक्त ने नगरपालिका बैतूल और नगर परिषद शाहपुर के सीएमओ को विशेष रूप से उल्लेखित किया गया था। उन्होंने बताया भी था कि बैतूल नगरपालिका अंतर्गत राजस्व ग्राम हमलापुर, टिकारी, गौठाना, खंजनपुर में संरक्षित वन भूमि है, साथ ही शाहपुर अंतर्गत शामिल राजस्व ग्राम चिखलदाखुर्द और पतौवापुरा में भी आरक्षित या संरक्षित भूमि है, इसके अलावा मोतीढाना में भी संरक्षित भूमि है। 
नगरीय क्षेत्र में छोटे-बड़े जंगल मद की भूमि पर वन अधिकार में पट्टे दिए जाने का मामला 13 जुलाई 2023 को विधानसभा में तारंकित प्रश्र से उठा चुका है
तात्कालिन विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने अपने विधानसभा प्रश्र क्रमांक 203 में पूछा था कि राज्य में कितनी नगरपालिका और कितनी नगर परिषद में कितने-कितने राजस्व ग्राम पूर्ण रूप से शामिल है और कितने राजस्व ग्राम आंशिक रूप से शामिल है। उन्होंने पूछा था कि वन विभाग में आरक्षित वन भूमि एवं छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की भूमि पर जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य शासन के क्या-क्या आदेश एवं निर्देश किस-किस दिनांक को जारी हुए है। नगरीय निकाय में शामिल वन भूमि पर व्यक्तिगत वनअधिकार एवं सामुदायिक वन अधिकार के दावे प्रश्र दिनांक तक मान्य एवं अमान्य किए गए। निकायों में शामिल वन भूमि से संबंधित दावों को लेकर विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है और कब तक करेगा। इसके बाद भी कुछ नहीं किया नतीजा सामने है।
@साभार... राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 नवंबर 2024