(बैतूल) अमानक खाद, बीज और दवा में कृषि विभाग कंपनी को नहीं विक्रेता को करता है टारगेट , - डीलर के लाईसेंस निरस्त या निलंबन जैसी दिखावटी कार्रवाई ही होती है हमेशा
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। हर सीजन में खाद, बीज और दवा के सेम्पल फेल होते है। कृषि विभाग एक प्रेस नोट जारी करता है कि विक्रेता का लाईसेंस निलंबित किया या निरस्त किया। कभी भी यह देखने में नहीं आया कि कृषि विभाग ने बीज उत्पादक करने वाली कंपनी या उत्पादक खाद और दवा उत्पादन करने वाली कंपनी के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया हो, उस पर एफआईआर करवाई हो या उसके उत्पादन के लिए जारी लाईसेंस जारी करवाया हो। अमानक खाद, बीज और दवा के मामले में सरकार के तमाम दावों के बावजूद कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। इसमें एक पूरा सिस्टम बना हुआ है। इसलिए उत्पादक से लेकर विक्रेता तक का कुछ नहीं बिगड़ता, नुकसान यदि किसी का होता है तो वह किसान है।
- डीलर का लाईसेंस निरस्त करना या निलंबित करना प्राथमिक कार्रवाई के तहत आती है : डीडीए ...
प्रश्र:- क्या कारण है कि अमानक खाद, बीज और दवा में केवल विक्रेता पर ही एक्शन होता है, उत्पादक या कंपनी पर नहीं?
उपसंचालक कृषि:- उसमें क्या कार्रवाई होगी यह डिसाईडेड है, यदि प्रभावित किसान उपभोक्ता फोरम जाता है तो वहां से उसे निर्णय के आधार पर कंपनी क्षतिपूर्ति देती है।
प्रश्र:-कार्रवाई से मतलब यह है कि केवल विक्रेता के लाईसेंस निरस्त किए जाते है, कंपनी के खिलाफ ऐसा कुछ नहीं होता?
उपसंचालक कृषि:- डीलर का लाईसेंस निरस्त करना है, कार्रवाई का एक पार्ट है, कंपनी या उत्पाद के खिलाफ भी कार्रवाई होती है।
प्रश्र:-पर ऐसा लगभग 20 वर्ष में देखने में नहीं आया कि उत्पादक या कंपनी के खिलाफ कुछ किया गया हो?
उपसंचालक कृषि:- हमारे द्वारा तीन सेम्पल लिए जाते है, जिसमें हमारी कार्रवाई होने पर कंपनी या उत्पादक अपील में चला जाता है और दूसरा सेम्पल नेशनल लैब चला जाता है। वैसे इस खरीफ सीजन में धाबला के मामले में दवा कंपनी से किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाई।
प्रश्र:- किसान को तो पता ही नहीं चलता कि किस लॉट का खाद, बीज या दवा अमानक हुई है। ऐसे में वह क्लेम भी नहीं कर पाता? क्योंकि बोवनी के बाद बहुत बाद में रिपोर्ट आती है।
उपसंचालक कृषि:- हम प्रेसनोट के माध्यम से बताते तो है कि क्या कार्रवाई की गई थी।
प्रश्र:- पर उसमें पता ही नहीं चलता कि किस लॉट में कार्रवाई हुई?
उपसंचालक कृषि:- यह विस्तृत स्तर पर संभव नहीं है।
12 सौ रूपए में दोबारा बन जाता है लाईसेंस
जो सिस्टम है उसमें स्थिति यह है कि कोई भी व्यक्ति 12 सौ रूपए का चालान जमा कर खाद, बीज और दवा बेचने का लाईसेंस बनवा सकता है। इसलिए जिनके पूर्व में लाईसेंस निरस्त हुए है, उन्होंने आज तक अपनी दुकान में ताला नहीं लाया है, वैसे ही दुकान चल रही है।
@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 27 नवंबर 2024