(बैतूल) सिया ने 9 रेत खदान को नहीं दी अनुमति तो 16 नई रेत खदान खोलने की तैयारी , - कमिश्रर के माध्यम से ढाई सौ मीटर फारेस्ट रेंज की खदानों को किया जा रहा मंजूर
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में 42 रेत की खदानें है और इनके टेंडर भी लगे , लेकिन जो खदानों को शुरू करने के लिए 4 तरह की अनुमति की जरूरत होती है, उसमें से सिया की अनुमति न मिलने के कारण 9 खदानें शुरू नहीं की जा सकी। इस स्थिति में खनिज विभाग ने अब इन 9 खदानों की क्षतिपूर्ति के लिए 16 नई रेत खदानें शुरू करने की तैयारी की है, जिसमें से 8 खदानों को शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। बताया जा रहा है कि वन भूमि से ढाई सौ मीटर का नियम है। इस नियम की वजह से यह 16 खदानें शुरू करने में कमिश्रर के माध्यम से पूरी प्रक्रिया करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में खनिज विभाग, राजस्व विभाग और वन विभाग के अफसर के साथ मीटिंग होती है फिर कमिश्रर अनुमति देते है। आज सोमवार को भी बैतूल आए कमिश्रर ने दो खदानों को मंजूरी दी है।
इन 8 नई खदानों को मिल चुकी मंजूरी
जिले में जिन 16 नई खदानों को शुरू किया जा रहा है, उसमें से बाजपुर, पाठई, केलीरैयत, गुवाड़ी 1, गुवाड़ी 2 और चिचडोल को मंजूरी मिल गई है, वहीं आज तेन्दूखेड़ा और डोंढूपुरा 1 को कमिश्रर ने मंजूरी दी है। इनमें से अधिकांश खदानें तवा पर है।
कुल सवा तेरह लाख घनमीटर रेत मिलेगी
जो 16 नई खदानें प्रस्तावित की गई है, इनसे कुल सवा तेरह लाख घनमीटर रेत प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है। जिसमें से सर्वाधिक रेत धपाड़ामाल की खदान से 1 लाख 37 हजार 200 घनमीटर है, वहीं डोंढूपुरा 1 से 1 लाख 27 हजार घनमीटर रेत मिलेगी।
यह है ढाई सौ मीटर का फारेस्ट नियम
कोई भी खदान यदि वन भूमि से ढाई सौ मीटर के अंदर आती है तो उसकी अनुमति के लिए वन विभाग और कमिश्रर की अनुमति जरूरी होती है। वर्तमान में जो 16 नई खदानें शुरू की जा रही है। इनमें से सभी खदानें ढाई सौ मीटर के दायरे में ही आती है।
अधिकांश खदानें शाहपुर-घोड़ाडोंगरी की
जो 16 नई खदानें शुरू करने का प्रस्ताव है, इसमें से मात्र 2 खदान खपरिया-1 और खपरिया-2 चिचोली ब्लॉक की है। बाकी 5 खदानें घोड़ाडोंगरी की और शेष खदानें शाहपुर ब्लॉक की है। इनमें कुल 73 हेक्टेयर रकबा खनन के लिए चिन्हित है।
इसलिए शुरू की जा रही है यह अन्य 16 खदानें
जिले में 42 रेत खदानों के टेंडर लगे थे, जिसमें से 5 हेक्टेयर से कम वाली 28 खदान थी और 5 हेक्टेयर या उससे अधिक रकबे वाली 14 खदानें थी। इनसे कुल 10 लाख क्यूबिक मीटर रेत खनन का टेंडर था। सिया द्वारा 5 हेक्टेयर से कम वाली 8 खदानें और 5 हेक्टेयर से अधिक वाली एक खदान निरस्त करने के कारण खनन के लिए 6.75 क्यूबिक रेत ही आंकलन में आ रही है, इसलिए नई खदानें खोली जा रही है।
@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 03 दिसम्बर 2024