बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। पश्चिम वन मंडल में वर्तमान डीएफओ के कार्यकाल में अलग-अलग मद से की गई तमाम खरीदी सवालों के घेरे में है? जो जानकार है उनका मानना है कि यदि जांच हो गई तो स्पष्ट नजर आएगा कि किस तरह से सरकारी धन को बर्बाद करने का काम किया गया है! जो शिकायत हुई है उसके अनुसार तेन्दूपत्ता समिति के मद का भी उपयोग करते हुए खरीदी की गई है जो कि किसी भी लिहाज से जायज नहीं मानी जा सकती? इस खरीदी में भी भंडार क्रय नियम का उल्लघंन किया गया है? बताया गया कि तेन्दूपत्ता समिति के फंड से वन मंडल में सौर ऊर्जा सिस्टम खरीदा गया है? जिस दाम पर यह खरीदी हुई है! वह दाम बाजार मूल्य से कही अधिक है? इस खरीदी के लिए जिस प्रक्रिया का उपयोग किया गया है वह संदेहास्पद बताई जा रही है? जानकारों का आरोप है कि जो सिस्टम खरीदे गए है, यदि उनकी गुणवत्ता के आधार पर बाजार मूल्य का आंकलन किया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जिस तरह के सौर ऊर्जा के सिस्टम लाईट के लिए खरीदे गए है वे लंबे समय तक उपयोग में आएंगे इस पर भी प्रश्च चिन्ह है? खैर जो भी हो लेकिन वर्तमान सीसीएफ को पश्चिम वन मंडल में हुई खरीदी को लेकर तत्काल ध्यान देना चाहिए और उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराना चाहिए, जिससे कि सच्चाई सामने आए। 

 

- मामले को लेकर जल्द केन्द्रीय मंत्री से भी एक प्रतिनिधि मंडल करेगा मुलाकात...

पश्चिम वन मंडल में जिस तरह से आर्थिक अनिमियतताओं के मामले सामने आ रहे है और इनमें जिस तरह टॉप-टू-बॉटम अधिकारियों और कर्मचारियों पर सवाल खड़े हो रहे है, इसको लेकर आदिवासी युवा विकास संगठन जल्द ही केन्द्रीय राज्य मंत्री डी. डी. उईके से मुलाकात करेगा और पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करेगा। संगठन के जितेन्द्र इवने का कहना है कि उन्हें भी जो फीडबैक मिल रहा है उसमें भ्रष्टाचार प्रतीत होता है।

@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 

नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 दिसम्बर 2024