बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । पश्विम वन मंडल में जिस तरह का फर्जीवाड़ा और आर्थिक अनियमितता को लेकर आरोप लग रहे है, उसमें साफ नजर आता है कि यह सब बिना वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति के संभव ही नहीं है! उच्च स्तर पर हुई शिकायतों पर यदि भरोसा किया जाए तो यहां पर फर्जी बिल व्हाउचर का धड़ल्ले से उपयोग किया और करोड़ों रूपए का भुगतान निकाला गया है? इधर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू को हुई शिकायत में बताया गया कि पश्विम वन मंडल की गवासेन और  मोहदा रेंज में बिल्डिंग मेंटेनेंस की तकनीकी और भुगतान की जांच करा ली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा? बताया जा रहा है कि उक्त दोनों रेंज में जो फर्जी बिल व्हाउचर से भुगतान हुआ है उसकी पूरी जानकारी डीएफओ स्तर के अधिकारी को भी है, लेकिन अज्ञात कारणों से ना तो वे जांच करा रहे है और ना ही पूरे मामले में अपना पक्ष सामने रख रहे है? बताया गया कि मोहदा में 60 लाख और गवासेन में 70 लाख का भुगतान संदिग्ध है! यदि जांच कराई जाए तो सच सामने आएगा?

- इधर दक्षिण वन मंडल भी लगातार चल रहा विवादों में ...
दूसरी ओर दक्षिण वन मंडल भी विवादों में चल रहा है और इसके विवाद का कारण एक रेंजर के प्रति वरिष्ठ अधिकारियों का रवैया है! बताया जा रहा है कि भैंसदेही रेंजर जो लगातार विवादों में रहे है उनके खिलाफ विभाग के ही कर्मचारियों ने रिश्वत मांगने और प्रताडि़त करने के आरोप लगाते हुए बकायदा अजाक थाने में शिकायत की है? इस रेंज में भी जो खरीदी की गई है उसमें जिस फर्म के माध्यम से खरीदी हुई है उसको लेकर भी हर स्तर पर सवाल उठ रहे है?
@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 दिसम्बर 2024