बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । पश्चिम वन मंडल में लाखों करोड़ों का सरकारी बजट खर्च कर जो सामग्री खरीदी की गई उसका वास्तव में उपयोग हुआ या नहीं यह जांच का विषय है? वन मंडल की अलग-अलग रेंज में फेसिंग के लिए बड़े पैमाने पर बारवेड वायर ,पोल, चैनलिंक, फेसिग सामग्री खरीदी गई थी! इसमें बिना टेंडर के ही बड़े पैमाने पर खरीदी हुई? खरीदी तक तो बात समझ भी आती है, लेकिन इस सामग्री का उपयोग ही नहीं हुआ और यह अलग-अलग रेंज में बिना उपयोग के ही बर्बाद होते हुए पड़ी है! इसका सबसे बड़ा उदाहरण तावड़ी रेंज की हर्रा सर्किल है, यहां पर फेसिंग के लिए लाए गए बांस बल्ली सडऩे की स्थिति में पहुंच चुके है? अब यदि इनका उपयोग किया जाता है तो यह मापदंड के विपरित होगा। 

- यह शासकीय धन अपव्यय का मामला पर जांच नहीं...
जिस तरह से फेसिंग के लिए खरीदी गई सामग्री बर्बाद हो रही है, इसका उपयोग नहीं किया गया! यह शुद्ध रूप से शासकीय धन अपव्यय की श्रेणी में आता है? आश्चर्यजनक बात यह है कि न तो जांच हो रही है और न ही सत्यापन?

- फेसिंग न होने से होने वाले नुकसान में की जवाबदेही...
जिस वजह से तार फेसिंग की जा रही थी, यदि तार फेसिंग नहीं की गई और सामग्री इस तरह से रखे-रखे खराब हो रही है तो ऐसी स्थिति में फेसिंग न होने से उक्त रेंज सर्किल, बीट और कम्पाटमेंट में जो नुकसान हो रहा है उसमें जवाबदेही तय होना चाहिए?

- अधिकारियों की रूचि केवल खरीदी कर बजट खर्च करने में...
जिस तरह से तावड़ी रेंज की हर्रा सर्किल में बांस और बल्लियां रखे-रखे खराब हो रही है, उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है, उससे साफ नजर आता है कि अधिकारियों की रूचि केवल बजट खर्च करने के लिए सामग्री खरीदी तक ही रहती है?
@साभार  : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 19 दिसम्बर 2024