बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। सरकारी सिस्टम के विशेषकर वन विभाग में खरीदी इसलिए नहीं की जाती है कि उस वस्तु की नितांत आवश्यकता है और उसका सदुपयोग होगा। बल्कि यहां पर खरीदी इसलिए की जाती है कि उस मद में आया पैसा हर हाल में खर्च करना है। यह पैसा भी केवल इसलिए खर्च करना है कि इस खरीदी में शामिल अधिकारी और कर्मचारी अपना आर्थिक फायदा उठा ले। ऐसा ही कुछ पश्चिम वन मंडल की मोहदा रेंज में हुआ है। यहां पर वन सुरक्षा के लिए खरीदी गई बांस बल्ली वर्तमान में दीमक का भोजन बनने के लिए तैयार है। रेंज में इन बांस बल्ली को एक जगह एकत्रित कर रख दिया गया है।  जबकि कायदे से इनका उपयोग किया जाना चाहिए था। लाखों रूपए की यह बांस बल्ली लावारिश हालत में पड़ी है। इनका उपयोग न होने से जहां शासकीय धन बर्बाद हुआ है, वहीं जहां इनका उपयोग किया जाना था वहां उपयोग नहीं किए जाने से जंगल की सुरक्षा से भी खिलवाड़ हुआ है। मोहदा रेंज का यह मामला सिर्फ उदाहरण है कि वन सुरक्षा को लेकर अधिकारी कितने गंभीर है। उक्त मामला यह भी साबित करता है कि अधिकारियों की रूचि क्या है और सरकारी धन कैसे बर्बाद करते है?

- पिपरिया वन चौकी क्षेत्र में लावारिश पड़ी है बांस बल्लियां...
वर्तमान में पश्विम वन मंडल की मोहदा रेंज अंतर्गत पिपरिया वन चौकी में लंबे समय से लावारिश हालत में हजारों की तादाद में बांस बल्लियां पड़ी है, इन्हें सुरक्षित तरीके से भी नहीं रखा गया है। ऐसी स्थिति में बारिश के बाद इनमें दीमक लगने का खतरा पैदा हो गया है। यह बांस बल्ली यहां पर किसके आदेश पर और किसके द्वारा लाकर रखी गई है। इदस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अपना मुंह नहीं खोल रहा। 

- विभिन्न मद की राशियों को खर्च करने पर रहता फोकस...
पश्विम वन मंडल को लेकर यह सामने आ रहा है कि यहां पर शासन से जो विभिन्न मद में पैसा आता है, उसे आनन - फानन में खर्च करने पर फोकस रहता है। अधिकारियों का इस बात पर जोर रहता है कि उक्त राशि किसी भी सूरत में लेप्स नहीं होना चाहिए। अधिकारियों का ऐसा सोचने के पीछे राशि का सदपयोग नहीं बल्कि व्यक्तिगत हित रहता है! राशि खर्च होने पर उनका अपना आर्थिक गणित रहता है? 

- डिप्टी रेंजर का कहना उसकी सॢकल में ही नही अन्य सर्किल में भी डम्प की गई बल्लियां...
पिपरिया वन चौकी क्षेत्र के डिप्टी रेंज बबलू साहू का दावा है कि उसकी जानकारी के बाहर यहां पर बल्लियां लाकर डम्प की गई है, किसने की उसे नहीं मालूम है। उसकी सर्किल के अलावा अन्य सर्किल में भी ऐसा हुआ है। यह बांस बल्लियां किस की है किसी को कोई जानकारी नहीं।
@साभार  :  राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 दिसम्बर 2024