(बैतूल) जल्द आ रहे है लोहे की जगह फाईबर के सिलेण्डर जिसमें दिखेगी गैस की मात्रा , - वजन में भी हल्के और सुरक्षा की दृष्टि से भी बताए जा रहे है यह सिलेण्डर बेहतर

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आने वाले समय में एलपीजी गैस के लिए भारी भरकम लोहे के सिलेण्डर की जगह फाईबर के सिलेण्डर आने वाले है। गैस एजेंसियों के संचालकों ने बताया कि इस दिशा में गैस कंपनियां ठोस काम कर रही है और जल्द ही रिजल्ट भी दिखेगा। इन सिलेण्डर की खूबी यह है कि आग लगने पर इनमें विस्फोट नहीं होता है और बड़ा हादसा टल जाता है। इसमें गैस की मात्रा भी दिखाई देती है। वैसे यह सिलेण्डर ग्राहक की डिमांड पर ही शुरूआत में दिए जाएंगे। इन्हें कम्पोजिट सिलेण्डर कहा जाता है, इनका वजन भी कम होता है, इसलिए एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना भी आसान रहता है। गैस एजेंसी के संचालक सुरेन्द्र कपूर ने बताया कि देवास जैसे शहरों में तो 10 किलो वाले फाईबर के सिलेण्डर एजेंसियां ग्राहकों की डिमांड पर उपलब्ध कराए गए है। भविष्य में 5 किलो के सिलेण्डर भी फाईबर में आएंगे। हालांकि बैतूल जैसे छोटे शहरों में यह सिलेण्डर आने में थोड़ा वक्त लगेगा। इन सिलेण्डर की एक खूबी यह भी है कि इसमें से गैस चोरी नहीं की जा सकती। फिलहाल इसका कनेक्शन 3 हजार रूपए में मिलेगा। वहीं लोहे की टंकी 22 सौ रूपए में आ रही है। यहां थोड़ा रेट का फर्क है लेकिन सुरक्षा के मामले में कम्पोजिट सिलेण्डर ही बेहतर माना जा रहा है। नए सिलेण्डर लेने के लिए पुराने लोहे के सिलेण्डर वाले ग्राहकों को अमानत राशि में अंतर की राशि चुकानी होगी, तब उन्हें यह फाईबर वाले सिलेण्डर हासिल होगे। गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि कौन सा सिलेण्डर लेंगे यह लोगों पर निर्भर है।
- सुरक्षा में अंतर...
जहां लोहे की टंकी आग लगने पर फट जाती है और विस्फोट होता है, वहीं कम्पोजिट सिलेण्डर में यदि आग लगती है तो यह भट्टी की तरह पिघल जाती है, ब्लास्ट होता ही नहीं है।
- पारदर्शिता का अंतर...
लोहे के सिलेण्डर में कम गैस के मामले सामने आते है। कई बार गैस निकाल ली जाती है। जबकि फाईबर सिलेण्डर में बाहर से गैस दिखाई देती है, इसलिए गड़बड़ी नहीं होगी।
- सिक्योरिटी में अंतर...
पुराना ग्राहक फाईबर सिलेण्डर लेगा तो उसे अंतर की सिक्योरिटी राशि देनी होगी। लोहे का सिलेण्डर 22 सौ रूपए का है, पुराने ग्राहक को शेष राशि चुकानी होगी।
- कीमत का अंतर...
लोहे वाले सिलेण्डर में 14.2 किलो गैस की कीमत 831 रूपए है। इस तरह से प्रति किलो गैस 58.5 रूपए होती है। वहीं 10 किलो वाले कम्पोजिट या फाईबर सिलेण्डर की कीमत 585 रूपए ही होगी।
- वर्तमान में चल रहे लोहे के और आने वाले फाईबर कम्पोजिट सिलेण्डर के वजन में यह है बड़ा अंतर...
जहां लोहे के सिलेण्डर 15.5 किलो वजन का होता है और इसमें 14.2 किलो गैस आती है। इस तरह इसका कुल वजन करीब 30 किलो हो जाता है। वहीं फाईबर सिलेण्डर केवल 6 किलो वजन का ही होता है और इसमें 10 किलो गैस भरी जाती है और यह कुल 16 किलो वजन का ही होता है।
@ साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 12 जनवरी 2025