(बैतूल) अवैध कालोनाईजर बैतूल एसडीएम से बहुत खुश क्योंकि वे कोई कार्रवाई ही नहीं करते..! , - वर्तमान एसडीएम के कार्यकाल में एक भी कालोनी को प्रबंधन में नहीं लिया गया..?
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल एसडीएम क्षेत्र में बैतूल शहर से लगे हर हल्के में अवैध कालोनियों की बाढ़ आई हुई है! लेकिन इसके बावजूद इन अवैध कालोनाईजरों के खिलाफ किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जाता है? बैतूल एसडीएम हर बार यह जाहिर करते है कि उनके ऊपर काम का बोझ बहुत ज्यादा है और उनके पास पर्याप्त अमला नहीं है, इसलिए वह कुछ कर नहीं पाते। बैतूल एसडीएम कार्यालय में एक गैलरीनुमा चेम्बर है, यही पर अवैध कालोनाईजरों की आवाजाही होते रहती है, लेकिन कालोनाईजरों को लेकर कोई कार्रवाई होती हो यह सामने ही नहीं आता? वर्तमान एसडीएम के कार्यकाल में एक भी कालोनी को प्रबंधन में नहीं लिया गया, लेकिन कालोनियों को प्रबंधन मुक्त करने में भरपूर कसरत होती यहां पर नजर आती है। अब ऐसा क्यों है यह बड़ा सवाल है?
- एसडीएम मौखिक रूप से संबंधित आरआई को एफआईआर के लिए कहते है, लेकिन कराते नहीं...
बैतूल एसडीएम के सामने जब भी अवैध कालोनियों का मामला उठता है और उन्हें अवैध कालोनी का खसरा नंबर तक बताया जाता है तो वे अपने डायवर्सन आरआई को बुलाकर कहते है कि एफआईआर करा दो क्या दिक्कत है! लेकिन एफआईआर कभी करवाते नहीं है? इसका सबसे बड़ा उदाहरण बदनूरढाना खसरा नंबर 338/2 की अवैध कालोनी है, जिसमें एसडीएम ने पिछले 8 माह में 20 बार आरआई को आदेश दिए है?
- अवैध कालोनियों में नोटिस जारी होते है और इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता...
बैतूल शहर से लगे बदनूरढाना, टिकारी, गौठान, बटामा, हनौतिया, बडोरा, मलकापुर, सोनाघाटी, जामठी, उड़दन में बहुतायत में कालोनियां काटी जा रही है? इन कालोनियों के पास कोई भी विधिवत अनुमति नहीं है! जब भी इस तरह की कालोनी की शिकायत होती है या जानकारी दी जाती है तो कालोनाईजर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है और इसके बाद फाईल को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, किसी को भी प्रबंधन में नहीं लिया जाता है?
- रात में एसडीएम कार्यालय में रहता है उजेला और नजर आते है कालोनाईजर...
एक ओर यह जानकारी सामने आ रही है कि बैतूल एसडीएम कार्यालय में जब शासकीय कार्य दिवस समाप्त हो जाता है, इसके बाद भी लाईट जलते है और कुछ साए एसडीएम कार्यालय में मंडराते हुए नजर आते है! बताया गया कि एसडीएम भी अक्सर शाम को कार्यालयीन समय समाप्त होने के बाद अपने दफ्तर में बैठे रहते है?
@साभार : राष्ट्रीय दिव्य दुनिया
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 17 जनवरी 2025