बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। घोड़ाडोंगरी की तेज तर्रार विधायक गंगा उईके विभिन्न बैठकों में जो मुद्दे उठाती है वे जमीनी स्तर पर व्यवस्था को लेकर होते है। उन्होंने नर्मदापुरम में आयोजित हुई एसीएस की बैठक में पंचायतों का मामला उठाया जहां उन्होंने महिला सशक्तिकरण को लेकर कहा कि जहां पंचायतों में महिला जनप्रतिनिधि है वहां उनके पति हस्तक्षेप करते है और बैठकों में मौजूद रहते है। उनके द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए है कि "सरपंच पति जिन्हें शॉटफार्म में एसपी के नाम से भी संबोधित किया जाता है" वे अपनी पत्नि के स्थान पर पंचायत के कामकाज या बैठक का संचालन नहीं करेंगे। पंचायत के अन्य जनप्रतिनिधियों के मामले में भी कलेक्टर ने बैठक में आने पर रोक लगाने के आदेश दिए है। कलेक्टर के आदेश के बाद सभी जनपद सीईओ ने भी यह आदेश पंचायतों को जारी कर दिए है। अब देखना यह है कि इस आदेश का कितना और क्या असर होता है।

- 1 फरवरी की बैठक में विधायक ने उठाया था यह मामला...
घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा उईके ने 01 फरवरी को होशंगाबाद में आयोजित बैठक में यह मामला उठाया था कि ग्राम पंचायतों की बैठकों में महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर उनके परिवार के पुरूष सदस्य उपस्थित होते है, इसे प्रतिबंधित किया जाए।

- जिले में 277 पंचायतों में महिलाओं के हाथ में कमान...
जिले में 554 पंचायत है। जिसमें से 50 फीसदी महिला आरक्षण के अनुसार 277 पंचायत में महिलाएं सरपंच है। जो स्थिति है उसके अनुसार अधिकांश पंचायतों में महिला सरपंच के पति, बेटे आदि द्वारा खुला हस्तक्षेप किया जाता है।

- 2015 से रोक के लिए जारी आदेश पर पालन नहीं होता...
अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देश पत्र क्रमांक 482/178/2015/22-पी-2 दिनांक 20 अप्रैल 2015 में स्पष्ट आदेश है कि महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर अन्य वर्जित है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 फ़रवरी 2025