बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। अचानक ही सरकार ने मंडी में गेहूं की खरीदी में व्यापारियों की स्टॉक लिमिट घटा दी है और इसका असर भी गेहूं के भाव पर नजर आने लगा है। वर्तमान में सरकारी आवक शुरू नहीं हुई और आवक भी बढ़ गई है और ऐसे स्टॉक लिमिट कम हो जाने से व्यापारियों में खरीदी सीमित कर दी है। नतीजा यह है कि जो गेहूं 15 दिन पहले 3 हजार के भाव से बिकना शुरू हुआ था वह 2500-2600 रूपए के अधिकतम बोली पर आ गया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने 10 हजार क्विंटल से घटाकर 2500 क्विंटल की स्टॉक लिमिट कर दी है। व्यापारियों का कहना है कि इससे ज्यादा का स्टॉक करते है तो लाईसेंस रद्द जैसी कार्रवाई भी हो जाएगी। इसलिए सीमित खरीदी करना मजबूरी है।

- समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी में किसानों की अरूचि को देखते हुए किया गया आदेश...
बताया जा रहा है कि सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को फिर बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है। दरअसल अब पीडीएस के लिए भी गेहूं का स्टॉक पर्याप्त नहीं बचा है। इसलिए सरकार चाहती है कि इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की भरपूर खरीदी हो जिससे कि पीडीएस में पर्याप्त मात्रा में गेहूं उपलब्ध रहे। पिछले तीन वर्ष से लगातार गेहूं की सरकारी खरीदी कम होते जा रही है।

- आदेश के खिलाफ नहीं जा सकते ...
 सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसके खिलाफ व्यापारी नहीं जा सकता। 2500 क्विंटल से अधिक का स्टॉक रखने पर रैक नहीं लगवा सकते। यह ठीक नहीं है।
- प्रमोद अग्रवाल, व्यापारी ।

- गैर वाजिब है इस तरह का आदेश...
सरकार ने जो आदेश जारी किया है, इससे किसी का भी भला नहीं है। जहां व्यापार प्रभावित होगा वहीं दूसरी और किसानों को भी इससे नुकसान उठाना पड़ेगा।
- सुभाष राठौर, व्यापारी।

- आदेश के बाद गिरने लगे भाव...
स्टॉक लिमिट घटाने के बाद से मंडी में गेहूं के भाव कम होने लगे है और यह भाव समर्थन मूल्य के करीब आते जा रहे है पर इसमें पूरा घाटा किसानों का हो रहा है।
- विनायक कापसे, किसान।
 
- आदेश के बाद गिरने लगे भाव...
किसानों का समर्थन मूल्य से मोह भंग हो गया है। स्टॉक लिमिट की वजह से भाव गिरने के बाद भी किसान पंजीयन को लेकर कहीं भी उत्साहित नजर नहीं आ रहा है।
- सुमित शुक्ला, किसान।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 10 फ़रवरी 2025