(बैतूल) साईट पर ना लैब और ना ही स्टॉक रजिस्ट्रर इसलिए कांक्रीट और सीमेंट की क्वालिटी पर भी प्रश्र चिन्ह , - आरोप... 90 दिन से पुरानी सीमेंट का भी किया गया यहां पर उपयोग

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। जनजातीय कार्य विभाग में होने वाले निर्माण कार्यो में तकनीकी मापदंड और अनिवार्य प्रक्रिया को खुला ताक पर रखा गया है। खेड़ला क्षेत्र के एक पंचायती राज के जनप्रतिनिधि ने बताया कि यहां पर जो आश्रम शाला भवन बनाया गया उसका उन्होंने करीब 6 माह पहले मौका मुआयना किया था जो मौके पर ठेकेदार का साईट इंचार्ज था उससे उन्होंने यहां पर स्टॉक रजिस्ट्रर, जांच रजिस्ट्रर आदि को लेकर जानकारी मांगी तो उसके पास ऐसा कोई भी रिकार्ड मौजूद नहीं था! वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर किसी भी तरह की लैब स्थापित नहीं थी? उक्त जनप्रतिनिधि की जानकारी यह साबित करती है कि यहां पर जो कांक्रीट उपयोग किया गया, उसमें रेत, सीमेंट और गिट्टी के रेसो पर भी गंभीर सवाल है? वहीं दूसरी और कोई स्टॉक रजिस्टर नहीं होना बताता है कि जो सीमेंट, लोहा आदि उपयोग किया गया है उसकी क्वालिटी पर भी प्रश्र चिन्ह है? बताया गया कि यहां पर जो सीमेंट उपयोग किया गया उसमें 90 दिन से ज्यादा पुराना सीमेंट भी धड़ल्ले से उपयोग किया गया, जो कि शासन की गाईड लाईन और सीमेंट की क्वालिटी को लेकर बड़ा समझौता है? यह सब इसलिए संभव हो पाया कि सहायक आयुक्त ने कभी निर्माण के दौरान आकर बिल्डिंग का निरीक्षण नहीं किया और ना ही उन्होंने अपने विभाग के इंजीनियर से गुणवत्ता को लेकर सवाल, जवाब किया? सहायक आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर सबसे बड़ा प्रश्रचिन्ह यह है कि करीब-करीब 8 माह पहले बैतूल विधायक ने भी विभाग के चल रहे निर्माण कार्यो को लेकर निरीक्षण करने के लिए निर्देश दिए थे? इसके बावजूद जिन निर्माण कार्यो को लेकर निर्देश दिए थे, उनका भी सहायक आयुक्त ने मौका मुआयना नहीं किया? वहीं इंजीनियर को लेकर यह स्पष्ट है कि बैतूल और नर्मदापुरम दोनों का चार्ज होने से वे नियमित रूप से निर्माण स्थल पर गए ही नहीं?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 मार्च 2025