बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बिल्डिंग निर्माण में जो गाईड लाईन है उसमें स्पष्ट है कि ठेकेदार लोहे की सेंटरिंग का उपयोग नहीं करेगा, प्लाई की सेंटरिंग उपयोग करेगा। इसकी वजह यह है कि लोहे की सेंटरिंग उपयोग करने से कॉलम, बीम और छत में हनीकाम्ब बन जाते है और इससे भविष्य में उक्त कॉलम, बीम या छत में पानी का रिसाव होने और उसके अंदर के लोहे के खराब होने से कॉलम, बीम और छत की स्ट्रेन्थ कम हो जाती है, जो खेड़ला में ठेकेदार द्वारा आश्रम शाला भवन बनाया जा रहा है, उसमें भी हनीकाम्ब की समस्या नजर आती है। ठेकेदार ने हालांकि बिल्डिंग में प्लास्टर कर रंग रोगन कर दिया है। इसलिए यह सब छिप गए है, लेकिन बाउंड्रीवाल के लिए जो कॉलम खड़े किए गए है वह गवाही दे रहे है कि किस तरह से ठेकेदार ने तकनीकी मापदंडों का ताक पर रखा है? उक्त क्षेत्र के जनपद सदस्य पिंटू काकोडिय़ा ने बताया कि बिल्डिंग निर्माण के दौरान ही उन्होंने यहां पर तकनीकी मापदंड के अनुरूप निर्माण न होने को लेकर सहायक आयुक्त कार्यालय में जानकारी दी थी, लेकिन इसके बाद भी वहां व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ था? उनका कहना है कि इस बिल्डिंग निर्माण में ठेकेदार ने खुली मनमानी की है। उक्त ठेकेदार द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की अन्य बिल्डिंगों का भी निर्माण किया जा रहा है और जिस तरह से खेड़ला में बिल्डिंग निर्माण किया गया है। उससे अन्य बिल्डिंग के निर्माण पर भी प्रश्र चिन्ह लग रहा है। यह सब स्थिति इसलिए बन रही है कि संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के अनुसार ठीक से मॉनीटरिंग नहीं कर रहे है और वे केवल ठेकेदार का बिल निकालने में ही पूरी रूचि ले रहे है। यदि जनजातीय कार्य विभाग के इंजीनियर और सहायक आयुक्त ने गुणवत्ता को लेकर अपनी जिम्मेदारी का पालन किया होता तो ठेकेदार को इस तरह से मनमानी करने का मौका ही नहीं मिलता?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 मार्च 2025