(बैतूल) सांसद के प्रस्तावों पर भी जनपदों के सहायक यंत्री जारी नहीं कर रहे है तकनीकी स्वीकृति , - आरईएस के कार्यपालन यंत्री को वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी का देना पड़ रहा हवाला

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आदिवासी क्षेत्र के लिए सडक़, नाली, पुलिया, ग्रेवल मार्ग आदि विकास कार्यो के लिए सांसद के माध्यम से मिले हुए प्रस्तावों पर जिले की भीमपुर, आठनेर, भैसदेही, घोड़ाडोंगरी, शाहपुर और मुलताई जनपद के सहायक यंत्री तकनीकी स्वीकृति ही जारी नहीं कर रहे है? ऐसी स्थिति में आरईएस के कार्यपालन यंत्री को उनसे तकनीकी स्वीकृति जारी कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियोंं की नाराजगी का हवाला देते हुए हडक़ाना पड़ रहा है। यह स्थिति बताती है कि केेन्द्रीय राज्य मंत्री पद वाले जनप्रतिनिधि को लेकर भी प्रशासनिक सिस्टम में क्या रवैया रहता है! अधिकारी किस तरह से विकास कार्यो को लेकर अपनी मनमानी करते है? आरईएस के कार्यपालन यंत्री ने फरवरी में इस संबंध में तमाम उपयंत्रियों को पत्र लिखा था, लेकिन अभी भी इस संबंध में बहुत ज्यादा प्रोग्रेस ही सामने नहीं आ रही है।
- संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत निर्माण कार्यो के है प्रस्ताव...
संविधान के अनुच्छेद 275(1) में आदिवासी ब्लॉक में विकास कार्यो के लिए राशि स्वीकृत की जाती है और इसी के तहत बैतूल जिले के आदिवासी जनपदों में करीब 65 कार्यो के प्रस्ताव सांसद द्वारा दिए गए है।
- सहायक आयुक्त ने आरईएस से मांगी थी तकनीकी स्वीकृति...
अनुच्छेद 275(1) के तहत स्वीकृत कामों में नोडल एजेंसी जनजातीय कार्य विभाग है, जिसमें स्वयं सांसद केन्द्रीय राज्य मंत्री है। 14 फरवरी को सहायक आयुक्त बैतूल ने बैतूल और मुलताई के आरईएस ईई से टीएस मांगी थी।
- प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के लिए जरूरी है स्वीकृति...
सहायक आयुक्त ने आरईएस के कार्यपालन यंत्री को बताया था कि सांसद के माध्यम से प्राप्त विशेष प्रावधान वाले विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए यह प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय भेजे जाना है।
- व्हाट्सएप पर सूची और सूचना देने के बाद भी टीएस नहीं दी...
कार्यपालन यंत्री ने जो सहायक यंत्रियों को पत्र लिखा है उसमें उन्होंने लिखा है कि 14 फरवरी को व्हाट्सएप पर सूची और सूचना दी गई फिर भी टीएस जारी नहीं की गई? इस बात से वरिष्ठ कार्यालय द्वारा घोर नाराजगी जाहिर की गई है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 अप्रैल 2025