(बैतूल) सरोवर में अब चुल्लू भर पानी भी नहीं क्योंकि अफसरशाही पी गई "अमृत" , - जिले में करोड़ों रूपए खर्च कर अब तक 168 अमृत सरोवर तीन जिपं सीईओ के कार्यकाल में बनाए गए

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में अमृत सरोवर को लेकर तमाम तरह की पॉजिटिव कहानियां गढ़ी गई और अलग-अलग माध्यम से प्रचारित भी किया गया था कि इतने अमृत सरोवर बनने से इतने हेक्टेयर में सिंचाई होगी और लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी। अब जब इन अमृत सरोवर की हकीकत धीरे-धीरे अलग-अलग माध्यम से सामने आ रही है तो यह पता चल रहा है कि सरोवर में चुल्लू भर पानी भी गर्मी के इस सीजन में उपलब्ध नहीं है! सरोवर सूख चुके है? यह स्थिति तभी हो सकती है जब अमृत सरोवर निर्माण में तकनीकी खामियां हो? इस तकनीकी खामी को लेकर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री सुभाष सिंह ठाकुर ने सोशल मीडिया पर लिखा भी है कि सरोवर बनाने में पानी सीपेज ना हो इसके लिए काली मिट्टी का सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया और इस मिट्टी की पिचिंग के लिए पानी का उपयोग भी नहीं किया गया। नतीजन यह सरोवर नाकाम साबित हुए है।
- गजब है... सरोवर बनाने वाले इंजीनियर कहते है कि गर्मी से वाष्प बनकर उड़ गया पूरा पानी...
अमृत सरोवर केवल बारिश में लबालब रहने और उसके बाद सूख जाने का सवाल उठने पर आमला जनपद क्षेत्र के आरईएस के इंजीनियर राजतिलक ठाकुर का यह तर्क है कि वाष्प बनकर उडऩे के कारण सरोवर सूख गए है। यह बात उन्होंने मीडिया को दिए एक बयान में कही है। आमला जनपद की ग्राम पंचायत रंभाखेड़ी में 2 जून 2023 को कम्पलीट हुआ, 26 लाख की लागत वाला अमृत सरोवर सूखा पड़ा है और जनपद क्षेत्र में ऐसे और भी अमृत सरोवर है जो वर्तमान स्थिति में सूखे पड़े हुए है। इनको लेकर जब सवाल उठ रहे है तो जिम्मेदार अधिकारी वाष्प में पानी उड़ जाने जैसा जवाब दे रहे है। इन तालाबों को जब बनाया गया था तब यह दावा किया था कि इसमें मछली पालन होगा और सिंचाई भी होगी, लेकिन हकीकत यह है कि यह तमाम सरोवर नाकाम साबित हुए है। आमला जनपद क्षेत्र में 68 पंचायतों में 20 लाख या उससे अधिक लागत से यह सरोवर बनाए गए है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 17 अप्रैल 2025