(बैतूल) आरईएस के अफसरों की आर्थिक तंदुरुस्ती का राज अमृत सरोवर को बताया जा रहा है! - 40 करोड़ के 168 अमृत सरोवर का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया तो सच सामने आएगा

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में मछली पालन, सिंचाई, पेयजल, भूजल स्तर सुधार जैसे सब्जबाग दिखाकर अमृत सरोवर की खूब ब्रांडिंग की गई, लेकिन हकीकत कुछ और ही है? इन अमृत सरोवर से अफसर वर्ग का खूब भला हुआ! कहा जाता है कि अमृत सरोवर से जुड़े हुए आरईएस के तमाम अफसर जिसमें ईई से लेकर सब इंजीनियर तक शामिल है कि आर्थिक तरक्की खूब हुई है? अमृत सरोवर फूटने से लेकर उनके गर्मी में सूख जाने के मामले जगजाहिर है, लेकिन इसके बाद भी जिले के जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे रहते है?
अमृत सरोवर बनाने में मशीन चलाने से लेकर फर्जी मस्टरोल भरने, फर्जी वेंडरिंग करने के आरोप लगते रहे है, लेकिन इन आरोपों की जांच कराने के मामले में जिला पंचायत के किसी भी सीईओ ने कोई खास रूचि नहीं ली और नतीजा सामने है?
- स्थिति 01 : आमला जनपद रंभाखेड़ी सरोवर...
आमला जनपद अंतर्गत 68 पंचायतों में अमृत सरोवर बनाए गए है। यह सरोवर 20 से लेकर 30 लाख रूपए लागत तक बनाए गए। रंभाखेड़ी में 12468 घनमीटर का 2022-23 बनाया गया अमृत सरोवर वर्तमान में सूखा पड़ा है, एक बूंद पानी नहीं है!
- स्थिति 02 : आठनेर जनपद वडाली सरोवर...
आठनेर जनपद में भी बहुतायत में अमृत सरोवर बनाए गए। यहां अमृत सरोवर की हालत क्या है, इसे जाहिर करता है 2022 में वडाली में 55 लाख की लागत से बनाया गया अमृत सरोवर है? यह सरोवर वर्तमान स्थिति में बारिश के बाद से ही सूखा पड़ा हुआ है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 19 अप्रैल 2025