(बैतूल) आंकड़ों के खेल में तो बैतूल अभिलेख दुरूस्ती में नंबर-1 पर आधार खसरा लिंकिंग में है फिसड्डी! - आंकड़ों की कहानी कुछ भी कहे पर हकीकत में राजस्व में ढर्रा अभी भी बदला नहीं

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। राजस्व विभाग में तीन महाअभियान चलाने के बाद और हर स्तर पर समीक्षा किए जाने के बाद भी यदि आम आदमी के लिहाज से देखा जाए तो सिस्टम में बहुत ज्यादा बदलाव नजर नहीं आ रहा है। सिस्टम पुराने ही ढर्रे पर चल रहा है। हालांकि आंकड़ों के खेल में अभिलेख दुरूस्ती जैसे राजस्व के काम में बैतूल प्रदेश में टॉप पर नजर आता है! वहीं आधार खसरा लिंकिंग और स्वामित्व योजना सहित अविवादित बंटवारे में बैतूल की स्थिति संतोषजनक नहीं मानी जाती? जबकि कलेक्टर हर स्तर पर कसावट के लिए हर तरह का फार्मूला इस्तेमाल करते है, लेकिन इसके बाद भी अपेक्षित रिजल्ट राजस्व के तमाम कामों में इसलिए नजर नहीं आता कि जिले में अधिकांश पटवारी एक ही हल्के में वर्षो से तैनात है और इन पटवारियों का कामकाज कई तरह के सवालों के घेरे में है? जानकार बताते है कि रैकिंग के खेल में आंकड़ों से जो दिखाया जाता है उसके इतर भी बहुत कुछ ऐसा है जो आम लोगों के लिए संतोषजनक नहीं है? यदि आंकड़ों को ठीक से डिकोट किया जाए तो सच सामने आ सकता है।
- 18 अप्रैल 2025 की स्थिति में रैकिंग के आधार पर इस तरह से समझिए आंकड़ों का खेल...
1 - अविवादित नामांतरण में बैतूल 26.26 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर है।
2 - विवादित नामांतरण में 27.12 फीसदी के साथ 13 वीं रैंक पर है।
3 - अविवादित बंटवारा में 12.40 फीसदी के साथ 27 वीं रैंक पर है।
4 - विवादित बंटवारे में 11.54 फीसदी के साथ 19 वें पायदान पर है।
5 - सीमांकन में 26.27 फीसदी के साथ सातवें पायदान पर है।
6 - रास्तों के चिन्हाकंन में 21.74 फीसदी के साथ सातवें पायदान पर है।
7 - अभिलेख दुरूस्ती में 94.68 फीसदी के साथ पहले पायदान पर है।
8 - स्वामित्व योजना में 88.34 फीसदी के साथ 26 वें पायदान पर है।
9 - समस्त राजस्व प्रकरण में 23.38 फीसदी के साथ चौथे पायदान पर है।
10 - फार्मर रजिस्ट्री में 86.24 फीसदी के साथ दसवें पायदान पर है।
11 - आधार खसरा लिंकिंग में 40.34 फीसदी के साथ 34 वें पायदान पर है।
12 - नक्शा तरमीम में 39.61 फीसदी के साथ पांचवें पायदान पर है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 22 अप्रैल 2025