बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। जिले के संवेदनशील कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी आम जनता के दु:ख दर्द की सुनवाई में हमेशा एक्शन मोड में रहते है और ठोस कार्रवाई भी करते है, लेकिन जिले के अन्य अफसरों की इस तरह की रूचि ही नहीं है! कलेक्टर ने आदेश जारी कर रखे है कि जनसुनवाई में जो भी आवेदन आते है उसके निराकरण से संबंधित आवेदनकर्ता को अवगत कराया जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है? इसकी बड़ी वजह यह है कि ज्यादातर अफसर जनसुनवाई के आवेदनों को गंभीरता से नहीं लेते है? उनका मानना है कि जनसुनवाई एक कोरियर सर्विस है। जहां से उनके पास आवेदन आ सकते है और इसके निराकरण करने की कोई समय सीमा नहीं है। यही कारण है कि जनसुनवाई में आने वाले आवेदनों को लेकर अधिकारी बहुत ज्यादा रूचि नहीं दिखाते। कई मामले तो ऐसे सामने आते है, जिसमें फरियादी एक नहीं कई बार आवेदन करता है। हर मांगलवार को जनसुनवाई में औसतन 100 से 150 आवेदन आते है। वहीं अब जनसुनवाई में आने वाले आवेदनों को सीएम हेल्पलाईन में लिया जा रहा है। इसके बावजूद अफसर कलेक्टर की मंशा के अनुरूप रिजल्ट नहीं दे रहे है।

- चार बार आवेदन दे चुके है पर सीमांकन ही नहीं किया...
मुलताई तहसील के पटवारी हल्का नंबर 26 के खसरा नंबर 176 में अन्य पटवारी से सीमांकन को लेकर आवेदक प्रदीप चौकीकर 22 अप्रैल 2025, 27 अगस्त 2024, 28 जनवरी 2025, 31 मई 2022 को जनवाई में आवेदन दे चुका है, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। वह कुल मिलाकर 4 आवेदन दे चुका है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 23 अप्रैल 2025