बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। जिले के स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए किराए पर वाहनों का संचालन किया जाता है। एनआरएचएम के फंड से यह सब व्यवस्थाएं होती है। वाहन संचालन के लिए जो टेंडर की शर्ते या शासन के नियम है उनको ताक पर रखा जा रहा है और इसलिए इस बात को बल मिल रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में वाहनों के संचालन में कहीं न कहीं गड़बड़ी या घोटाला हो रहा है जो जांच का विषय है? वाहनों के संचालन के लिए जिस पुष्पेन्द्र नामक बाबू के पास तमाम जिम्मेदारी है, उसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिन्ह लगता है। 
- 40 लाख की गाड़ी से चलते है अपने सीएमएचओ कार्यालय वाले पुष्पेन्द्र बाबू...
पुष्पेन्द्र बाबू के करीबियों ने ही चर्चा में बताया कि वे स्कोडा कंपनी की 40 लाख के लग्जरी वाहन से चलते है! यह उनका निजी वाहन है? वैसे कहने वाले तो कहते है कि उन्होंने अपने रिश्तेदार के नाम पर भी विभाग में तीन-चार वाहन चला रखे है।

- बिना जीपीएस के ही चल रहे वाहन...
स्वास्थ्य विभाग में बिना जीपीएस के ही किराए पर लगाए गए वाहनों का संचालन किया जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में यह वाहन कहां जा रहे है और कहां नहीं जा रहे है इनकी कोई भी लोकेशन ट्रेस नहीं होती है।

- भीमपुर के वाहन भोपाल में घूम रहे...
चूंकि किराए पर लगाए गए वाहनों में जीपीएस नहीं लगा है, इसलिए आरोप लगते है कि भीमपुर में जो वाहन किराए पर लगाए गए है वे वाहन भोपाल में भी निजी कामों में उपयोग किए जा रहे है और अक्सर भोपाल में देखे जाते है।

- बीएमओ के वेरीफिकेशन बगैर भुगतान...
आरबीएसके के डॉक्टर्स इन वाहनों की लॉक बुक स्वयं भरते है और इसका वेरीफिकेशन बीएमओ से कराए बगैर ही भुगतान किया जाता है। आरोप तो यह है कि आरबीएसके के डॉक्टर्स फील्ड में जाते नहीं है घर से लॉग बुक भरते है?

- एनआरएचएम फंड का बेजा उपयोग...
वाहनों का भुगतान एनआरएचएम फंड से होता है और आरबीएसके डॉक्टर्स जिस तरह से लॉग बुक भर रहे है, उसमें बेजा उपयोग नजर आता है। 500 किलोमीटर चलने पर 2500 किलोमीटर का बिल भुगतान होता है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 01 मई 2025